14 लाख विद्यार्थी शिक्षा से बाहर,स्कूलों की मैपिंग कराने पर हुआ खुलासा,हर्कत में आया राज्य शिक्षा केन्द्र
शिक्षा के क्षेत्र में एमपी कितना आगे है उसकी बानगी अब देखने को मिल रही है|दरअसल राज्य शिक्षा केन्द्र की ओर से स्कूलों के विद्यार्थियों की मैपिंग कराई गई जिसमें यह चौकाने वाला आंकड़ा सामने आया है| शिक्षा विभाग ने 14 लाख विद्यार्थियों को ड्राप बाक्स में शामिल किया है| ये ऐसे विद्यार्थी हैं, जो 2022-23 में तो अध्ययनरत थे,लेकिन अगले सत्र से स्कूल नहीं पहुंचे| अब इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थी कहां गए,इस बात की जानकारी किसी को नहीं है| इनमें 2.46 लाख विद्यार्थी शाला त्यागी श्रेणी में हैं,वहीं 1.94 लाख विद्यार्थी किसी विकासखंड,जिला या राज्य से पलायन कर चुके हैं| अभी 8.12 लाख विद्यार्थियों की मैपिंग होना बांकी है,इसलिए इनकी जानकारी अभी विभाग के पास नहीं है| अगर ड्राप बाक्स वाले विद्यार्थी चिन्हित नहीं हो पाएंगे तो इन्हे स्कूल से बाहर माना जाएगा| इस संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र की ओर से सभी जिले के कलेक्टरों को पत्र लिखकर बच्चों को ढूढकर उन्हे स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए कहा गया है| राज्य शिक्षा केन्द्र भी इस बात को लेकर हैरान है कि 14 लाख बच्चे ड्राप बाक्स में हैं| अगर इन्हे चिन्हित नहीं किया गया तो शाला त्यागी हो जाएंगे| इसके साथ ही प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का प्रोफाइल भी अपडेट कराया जा रहा है| इसमें शाला त्यागी,ड्राप बाक्स और 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को चिन्हित किया जाएगा|
डीईओ और डीसीपी को उपलब्धा करानी है जानकारी
राज्य शिक्षा केन्द्र ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) और जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) को निर्देश किया है कि ऐसे विद्यार्थी जो जिले के किसी अन्य गांव या विकासखंड चले गए हैं,उनकी जानकारी 15 मई तक विभाग को उपलब्ध कराएं|
भोपाल जिले के 26 हजार विद्यार्थी स्कूल से बाहर
भोपाल जिले के करीब 46 हजार विद्यार्थी स्कूल से बाहर हैं| इनमें कक्षा आठवीं के बाद सबसे ज्यादा विद्यार्थियों ने पढ़ाई छोड़ दी है| विभाग के अधिकारी अभी ठीक से बच्चों की मैपिंग नहीं करा पा रहे हैं| ग्वालियर के साढ़े 39 हजार,जबसपुर के 33 हजार और इंदौर के करीब 21 हजार विद्यार्थी मैपिंग से बाहर हैं|
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