345 प्रदेश परिषद के सदस्य चुनेंगे भाजपा का अगला प्रदेश अध्यक्ष,कवायद हुई शुरु

मध्य प्रदेश भाजपा में अब तक 56 संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों की घोषणा हो चुकी है। छह जिलों की सूची आना अभी बांकी है। इस बीच प्रदेश अध्यक्ष के पद और दावेदारों को लेकर सुगबुगाहट का दौर फिर तेज हो गया है। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष का चयन होने से पहले भाजपा प्रदेश परिषद के सदस्यों का चयन करेगी। कुल 345 प्रदेश परिषद के सदस्य चुने जाएंगे उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष पद के चुनाव की रुप रेखा तैयार होगी। प्रदेश परिषद के लिए भाजपा महिला,एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग को काफी ध्यान देगी। प्रदेश परिषद के सदस्य ही पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष चुनेंगे। एमपी बीजेपी में अधिकतर बार सर्व सम्मति से ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव किया गया है। अपवाद के रुप में केवल दो बार संगठन चुनाव में मतदान की स्थिति बनी है। पहली बार 1990 के दशक में पार्टी द्वारा प्रदेश अध्यक्ष के लिए तय प्रत्याशी लखीराम अग्रवाल के विरुद्ध पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी संगठन चुनाव में खड़े हुए थे। दूसरी बार साल 2000 में शिवराज सिंह चौहान और विक्रम वर्मा के बीच चुनाव हुआ था। इसमें विक्रम वर्मा ने शिवराज सिंह चौहान को चुनाव हरा दिया था। भाजपा संगठन के संविधान के अनुसार पार्टी के विधायकों और सांसदों में दस प्रतिशत सदस्य प्रदेश परिषद के सदस्य बनाए जाएंगे। इस आधार पर संख्या बल के हिसाब से लगभग 17 विधायकों को भी प्रदेश परिषद का सदस्य बनाया जाएगा। इसी तरह प्रदेश में जितनी विधानसभा सीट एससी-एसटी के लिए आरक्षित हैं,उतनी संख्या में उसी वर्ग के सदस्य प्रदेश परिषद के लिए चुने जाएंगे। इसके अलावा सभी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष,जिलाध्यक्ष और महामंत्री ,मोर्चा प्रकोष्ठों के अध्यक्षों में से प्रदेश परिषद के सदस्यों का निर्वाचन किया जाएगा। प्रदेश परिषद के 20 सदस्यों के प्रस्ताव पर प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन किया जाएगा।
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