आयोध्या हारने पर मोदी ने बदला आराध्य,जय श्री राम की जगह मोदी ने खुद को बताया भगवान जगन्नाथ का भक्त
भगवान राम के नाम पर देश में दो बार लगातार पूर्ण बहुमत के साथ मोदी की सरकार बनी। इस लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आधा अधूरा बने राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कर दी और लोकसभा चुनाव में भगवान राम के नाम पर जम कर वोट मांगा गया भगवान राम के खूब नारे भी लगे। मोदी से लेकर भाजपा का हर कार्यकर्ता जय श्रीराम के नारे लगाते देखा गया। राम मंदिर के नाम पर भाजपा को उम्मीद थी कि इस बार के लोकसभा चुनाव में यूपी भाजपा को झोली भर कर सीटें देगी। यही कारण था कि टीवी सीरियल में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण कोविल को भी भाजपा ने मेरठ लोकसभा से चुनाव मैदान में उतार दिया। भगवान राम ने किसी तरह अरुण गोविल की इज्जत तो बचा ली लेकिन भगवान राम की नगरी अयोध्या में भाजपा को करारी शिकस्त मिली और वहां पर सपा उम्मीदवार ने जीत का पर्चम लहरा दिया। अयोध्या में भाजपा की पराजय के बाद भाजपा की देश भर में जमकर किरकिरी हुई। खास बात यह रही कि बीजेपी सिर्फ आयोध्य ही नहीं हारी बल्कि यूपी में जिस परिणाम की उम्मीद बीजेपी कर रही थी वो परिणाम बीजेपी के पक्ष में नहीं आए। अयोध्या और यूपी हारने का मोदी जी को इतना सदमा लगा कि उन्होने अपना आराध्य बदल कर भगवान जगन्नाथ को बना लिया। इसकी बानगी उस वक्त देखने को मिली जब एनडीए गठबंधन के सभी सांसदों की बैठक बुलाई गई और राजनाथ सिंह ने नरेन्द्र मोदी के नाम का प्रधानमंत्री पद के लिए एक बार फिर प्रस्ताव रखा। इस कार्यक्रम के दौरान सभी सहयोगी दलों के नेताओं ने अपनी कृतज्ञता मोदी के प्रति ब्यक्त की। अंत में नरेन्द्र मोदी का भाषण हुआ। करीब एक घंटे तक चले भाषण में पीएम मोदी ने न सिर्फ विपक्षी दलों पर करारा प्रहार किया बल्कि इस दौरान उन्होने यह बताया कि उनके आराध्य देवता कौन हैं। अभी तक अपनी जुवान से जय श्रीराम का नारा लगाने वाले मोदी ने जब कहा कि वो भगवान जगन्नाथ के अनन्य भक्त हैं तो कार्यक्रम स्थल पर मौजूद सभी सांसद और नेता भी चौंक गए। आखिर चौकने वाली बात भी थी क्योंकि तोदी जी ने अचानक अपना आराध्य जो बदल दिया था। मोदी जी ने जिन भगवान जगन्नाथ को आराध्य माना उन्ही भगवान जगन्नाथ को भाजपा नेता संवित पात्रा ने कुछ समय पहले मोदी का भक्त बताया था हांलाकि जब पात्रा के बयान की देश भर में निंदा हुई तो संवित पात्र ने दो दिन का ब्रत रख कर अपनी बात पर खेद ब्यक्त कर मांफी भी मांगी। लेकिन जिस प्रकार से एनडीए की बैठक में पीएम मोदी ने भगवान जगन्नाथ को आराध्य बताया वो लोगों के गले से नहीं उतर रहा है। इस मामले में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा कहते हैं कि अयोध्या में भाजपा चुनाव हार गई तो प्रधानमंत्री ने अपना आराध्य ही बदल दिया। जिन भगवान राम का नारा लगाते मोदी और भाजपा वाले नहीं थकते थे उन्ही मोदी ने जय श्रीराम कहने के बजाय जय जगन्नाथ कहना शुरु कर दिया है।
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