एक दूसरे का मुंहु ताकते रह गए सभी मंत्री,सीएम ने कर दी बड़ी घोषणा,न चाहते हुए मेज थपथपा कर मंत्रियों ने किया सीएम के फैसले का समर्थन
लंबे समय से कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही निगम मंडलों में नियुक्तियां की जाएंगी| कहा यह भी जा रहा था कि सूची तैयार हो चुकी है वरिष्ठ नेताओं के बीच सहमति मिलते ही निगम मंडलों की सूची घोषित कर दी जाएगी| लेकिन सारे राजनीतिक कयास उस वक्त धरे के धरे रह गए जब सीएम मोहन यादव ने मंत्रियों को निगम मंडलों का अध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी| सीएम की इस अचानक घोषणा का अंदाजा मंत्रियों को भी नहीं था| जब कैबिनेट बैठक में सीएम यादव ने मंत्रियों को निगम-मंडलों का अध्यक्ष बनाने की घोषणा की तब सभी मंत्री एक दूसरे का मुंहु ताकते रहे आखिर सभी ने मेज थपथपा कर सीएम के फैसले का समर्थन किया| लेकिन इस घोषणा के बाद कई भाजपा नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर गया| दरअसल कुछ नेता चुनाव हार गए हैं तो कुछ सीनियर होने के नाते अपनी जुगाड़ निगम-मंडलों में लगा रहे थे जिससे उनका राजनीतिक भविष्य बना रहे लेकिन सीएम यादव की घोषणा के बाद सभी नेताओं के चेहरे में मायूसी का माहौल देखने को मिल रहा है| इस विषय में कोई भी नेता बात करने को भी तैयार नहीं है| कुछ नेता नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि उन्हे इस प्रकार के घोषणा की कतई उम्मीद नहीं थी| अब इस बात का पता लगाया जा रहा है कि सीएम यादव द्वारा निगम मंडलों में फिलहाल नियुक्ति नहीं करने का निर्णय उनका खुद का है अथवा पार्टी हाई कमान का है| क्योंकि जिस प्रकार से मंत्रियों को प्रभार के जिले देने के मामले में सीएम यादव को खुली छूट दी गई थी तो क्या ठीक उसी प्रकार राजनीतिक नियुक्तियों को रोकने के मामले में भी सीएम को केन्द्रीय नेतृत्व की तरफ से छूट दी गई थी| माना यह भी जा रहा है कि अभी पार्टी का सदस्यता अभियान चल रहा है और फिर संगठनात्मक चुनाव भी होना है लिहाजा राजनीतिक नियुक्ति होने से इन सभी कामों में प्रभाव पड़ता इस लिए कुछ महीनों के लिए राजनीतिक नियुक्ति पर विराम लगाया गया है| सीएम यादव के इस फैसले से फिलहाल पार्टी के अंदर सन्नाटे सी स्थिति बनी हुई है सभी दावेदार यही पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर यह फैसला किसकी मर्जी और अनुमति से लिया गया|
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