नाराज शासकीय कर्मचारी कभी भी पकड़ सकते हैं आंदोलन की राह,केन्द्र के समान मंहगाई भत्ता नहीं दे पाई प्रदेश की मोहन सरकार

प्रदेश के अलग-अलग शासकीय विभागों में काम कर रहे करीब साढ़े सात लाख शासकीय कर्मचारियों को 50 फीसदी मंहगाई भत्ता नहीं मिलने से सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है| दरअसल राज्य सरकार की तरफ से हाल ही में शासकीय कर्मचारियों को पुराना एरियार देने की घोषणा की गई है| प्रदेश सरकार के तहत काम करने वाले शासकीय कर्मचारी मंहगाई भत्ते के मामले में अब भी केन्द्रीय कर्मचारियों की तुलना में चार फीसदी पीछे चल रहे हैं| राज्य सरकार ने अभी जो एरियर देने का फैसला किया है वो पुराना एरियर है जिसे सरकार ने 42 से 46 फीसदी किया था और सरकार ने पिछले एरियर को भविष्य निधि में देने के लिए कहा था और अब तक नहीं दे पाई थी| कुछ सरकार कर्मचारी के संगठनों से बात हुई तो उनका साफ कहना है कि राज्य सरकार उनका रुका हुआ एरियर दे रही है वो ठीक है लेकिन वो मंहगाई भत्ते के मामले में केन्द्रीय कर्मचारियों की तुलना में अब भी चार फीसदी पीछे चल रहे हैं सरकार उस मंहगाई भत्ते के बारे में बात नहीं कर रही है| अलग-अलग धड़ों में बंटे कर्मचारी संगठनों में कुछ का यह भी कहना है कि सरकार पिछला बकाया चुकाने के बाद आगे मंहगाई भत्ता देने पर जरुर विचार करेगी| कुल मिला कर चार फीसदी मंहगाई भत्ते को लेकर प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है| आने वाले कुछ समय बाद शासकीय कर्मचारी आंशिक प्रदर्शन कर राज्य सरकार को बताने का प्रयास करेंगे कि उनको अभी भी केन्द्रीय कर्मचारियों की तुलना में कम मंहगाई भत्ता मिल रहा है और उस आंशिक प्रदर्शन के बाद अगर राज्य सरकार मंहगाई भत्ते पर विचार नहीं करती है तो फिर भविष्य में शासकीय कर्मचारी बड़े आंदोलन की रुप रेखा भी तैयार कर सकते हैं| गौरतलब है कि राज्य सरकार की तरफ से पिछला मंहगाई भत्ता एक जुलाई 2023 को 42 से बढ़ाकर 46 फीसदी किया था उसके तुरंत बाद केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय कर्मियों का मंहगाई भत्ता 50 फीसदी कर दिया था जिसके कारण प्रदेश के शासकीय कर्मचारी मंहगाई भत्ते के मामले में केन्द्रीय कर्मचारियों से पीछे चल रहे हैं और उन्हे हर महीने पांच से छह हजार रुपये का नुकसान होने वाला है| बड़ी संख्या में कर्मचारी रियार भी होने वाले हैं इस लिए उनमें काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है|
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