संघ और संगठन की पहली पसंद बने अरविंद भदौरिया,भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चा हुई तेज,वीडी शर्मा का बढ़ेगा कद
मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष के लिए फिलहाल पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया आरएसएस और भाजपा संगठन कि पहली पसंद बनकर उभरे हैं। उनको पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कारण विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का भी समर्थन मिल गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी बनाए गए महेंद्र सिंह के साथ पार्टी की ठाकुर लाबी भी उनको अध्यक्ष बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। यही कारण है कि अरविंद भदौरिया का नाम अचानक से पहले नंबर पर आ गया है।अरविंद भदौरिया के लिए प्लस पॉइंट यह भी है कि वो ग्वालियर -चंबल के युवा चेहरे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से लंबे समय तक जुड़े रहने के कारण संघ के भी करीब हैं। Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार भदौरिया के नाम पर लगभग सहमति बन गयी है। उनका प्रदेश अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। अरविंद भदौरिया का नाम पहले नंबर पर आने से अब तक प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में पहले नंबर पर चल रहे राज्यसभा सांसद सुमेर सिह सोलंकी का नाम दूसरे नंबर पर आ गया है। सुमेर सिंह सोलंकी राज्यसभा सांसद हैं और दिल्ली की पसंद भी हैं। आदिवासी नेता होने के साथ साथ इन्हें संघ का भी समर्थन प्राप्त है। लेकिन संघ अरविंद भदौरिया को पहले नंबर पर लेकर चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से लाने के बाद संगठन एक आदिवासी नेता को प्रदेश संगठन की कमान दे सकता है। इसका एक कारण भाजपा का आदिवासी वर्ग में घटता जनाधार है। विधानसभा चुनाव में भाजपा को आदिवासी सीटों पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था।
भाजपा अपने आदिवासी वोट बैंक को फिर से पाने के लिए यह दांव खेल सकती है। हालांकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद फिलहाल संगठन को यह करना मजबूरी नही है। सुमेर सिंह सोलंकी के बाद जिनका नाम आता है वह है वो हैं डॉ. नरोत्तम मिश्रा। उनका नाम भी अध्यक्ष की दौड़ में बना हुआ है। भाजपा न्यू जोइनिग टोली के संयोजक होने के नाते जिस तरह लोकसभा चुनाव से पूर्व उन्होंने लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओ को भाजपा में लाकर एक रिकॉर्ड बनाया उसने संगठन के शीर्ष नेतृत्व में डॉ. मिश्रा की छवि कुशल संगठक के रूप में और भी मजबूत हुई है। लेकिन पार्टी द्वारा प्रदेश में डिप्टी सीएम और राजस्थान में सीएम पद ब्राह्मण को देने के कारण उनका दावा कमजोर हुआ है। बांकी संघ की पहली पसंद नहीं होने के कारण भी डॉ. मिश्रा पिछड़ते दिख रहे हैं। इस दौड़ में चौथे नंबर पर नाम आता है
मंत्री विश्वास सारंग का । यह नाम चौकाने वाला जरूर है लेकिन दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष के लिए यह नाम भी चर्चा में आया है।सूत्रों का कहना है कि सारंग ने दिल्ली व संघ की दौड़ छोड़ गुजरात की राह पकड़ ली है। गुजरात मे मोदी जी और अमित शाह के निकट नेताओं के जरिए वो लॉबिंग करा रहे हैं। इसका फायदा भी उन्हें मिला है उनका नाम भी चर्चा में है। हालांकि नर्सिंग घोटाले के चलते उनका दावा कमजोर हुआ है। लेकिन इसके बाद भी विश्वास सारंग तगड़ी पकड़ के चलते दौड़ में बरकरार हैं। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि अध्यक्ष इन चार नामो में से ही कोई बनेगा लेकिन अरविंद भदौरिया का दावा सबसे मजबूत है।अगस्त माह में कभी भी नए अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी।
वी.डी. शर्मा का कद बढ़ना तय
वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को भी जल्द ही बड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने वाली है। वीडी शर्मा के कामकाज से संगठन का शीर्ष नेतृत्व पूरी तरह संतुष्ट है।संघ में भी वीडी शर्मा की तगड़ी पकड़ है यह किसी से छिपा नही है। जिस तरह उनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड जीत दर्ज की उसके बाद वीडी शर्मा का कद दिल्ली में और भी बढ़ गया है। Mukhbir के मुताबिक क्षेत्र और जाति समीकरण के चलते मोदी जी भले ही वीडी शर्मा को अपनी टीम में नही ले पाए हों लेकिन आने वाले दिनों में उन्हें सत्ता या संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलेगी यह तय है।
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