100 फीसदी रिजल्ट देने वाले बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा को मोदी कैबिनेट में नहीं मिली जगह,कार्यकर्ताओं में मायूसी का माहौल
वीडी शर्मा एक ऐसी सख्सियत हैं जिसने पार्टी की सेवा को ही अपना धर्म बना लिया और दिन रात पार्टी की सेवा में लगे रहे| वीडी शर्मा को बीजेपी की उस वक्त कमान सौंपी गई थी जब एमपी से बीजेपी की सरकार जा चुकी थी| उनके अध्यक्ष बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी की सत्ता में फिर वापसी हुई और उपचुनाव में 28 विधानसभा सीटों में 19 सीटें जीत कर बीजेपी पूर्ण बहुमत में आ गई| इसके बाद उन्होने बूथ प्रबंधन पर फोकस किया,सभी बूथों को डिजिटल किया,त्रिदेवों की नियुक्ति की पन्ना और अर्ध पन्ना प्रभारियों की नियुक्ति की,पार्टी को आर्थिक रुप से मजबूत करने के लिए वीडी शर्मा ने अलग से अभियान चलाया,इस बीच नगरीय निकाय के चुनाव हुए उसमें भी बीजेपी ने प्रदेश भर में एकतरफा जीत दर्ज की| 2023 में जब विधानसभा के चुनाव में सरकार विरोधी लहर चल रही थी उस वक्त भी वीडी शर्मा लगातार संगठन को मजबूत करने में लगे रहे और नतीजे के तौर पर 163 सीटें जीत कर भाजपा ने इतिहास दर्ज कर दिया| इसके बाद लोकसभा चुनाव की बारी आई तो वीडी शर्मा के नेतृत्व में एकबार फिर भारतीय जनता पार्टी चुनाव मैदान में उतरी और प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटें जीत कर इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज कर दिया| यह सब परिणाम बताते हैं कि वीडी शर्मा के कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी ने सिर्फ जीत की इबारत लिखी है हार जैसे शब्द के लिए वीडी शर्मा के जीवन में कोई स्थान नहीं मिला| एमपी में बीजेपी ने जब सभी 29 सीटें जीती तो माना जा रहा था कि वीडी शर्मा को इस बार केन्द्रीय नेतृत्व में स्थान मिलेगा लेकिन 72 सदस्यीय मंत्रिमंडल में वीडी शर्मा के लिए कोई स्थान नहीं था| वीडी शर्मा ने फिर भी नाराजगी ब्यक्त नहीं की लेकिन आज एमपी बीजेपी में काम करने वाले कार्यकर्ताओं के दिलों दिमांग में एक ही सवाल है कि आखिर उनके अध्यक्ष को मंत्रिमंडल में स्थान क्यों नहीं मिला| जवाब सिर्फ नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के पास है लेकिन सवाल तो बीजेपी के कार्यकर्ताओं की जुवां पर सिर चढ़ कर बोल रहा है|
What's Your Reaction?