भाजपा और कांग्रेस एक ही तवे पर सेंक रही सियासी रोटियां,कहां गया नर्सिंग घोटाला,कांग्रेस ने क्यों भुला दिया घोटाले को,कुछ तो गड़बड़ है अब कोई नहीं करता नर्सिंग घोटाले की बात

कुछ महीने पहले प्रदेश में नर्सिंग घोटाले को लेकर जमकर आरोप प्रत्यारोप लग रहे थे| कांग्रेस पार्टी इस पूरे मामले में विधानसभा के सदन में हंगामा कर रही थी| स्थिति यहां तक बनी थी कि विधानसभा का सदन भी प्रस्तावित दिनों तक नहीं चल पाया था| अचानक ऐसा क्या हुआ कि नर्सिंग घोटाला चर्चाओं से गायब हो गया| कांग्रेस का कोई भी नेता अब नर्सिंग घोटाले की चर्चा करने से बच रहा है| सवाल इस बात का उठता है कि अगर नर्सिंग घोटाला नहीं हुआ था तो कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे मामले को कैसे मुद्दा बनाया जिसकी गूंज दिल्ली तक गई| कांग्रेस ने कुछ दिनों तक सदन से सड़क तक लड़ाई लड़ने का दावा किया लेकिन कुछ दिनों बाद कांग्रेस के नेता इतने बड़े मुद्दे को भूल गए| अब प्रदेश अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार कोई भी नर्सिंग घोटाले पर चर्चा करने की बात नहीं करते| प्रदेश में दो विधानसभा सीटों में उप चुनाव चल रहा है इस वक्त कांग्रेस को इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए थी लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को भुला कर बैठी है| मतलब साफ है कि नर्सिंग घोटाला हुआ ही नहीं था कांग्रेस सिर्फ माहौल बनाने का प्रयास कर रही थी| या फिर इसके पीछे कोई समझौता जैसी बात हुई है जिसके कारण अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चुप हो गए| यह बात अचानक इस लिए उठ रही है क्योंकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को जिस प्रकार से शासकीय आवास मिला हुआ है और उस पर उन्होने करोड़ों रुपये खर्च करके एक नई बिल्डिंग तैयार की है कहीं यह सब वजह तो नहीं| ठीक इसी प्रकार नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बंगले पर भी लगातार काम हो रहे हैं| जिस प्रकार से प्रदेश की राजनीति दिख रही है उससे यह साफ नजर आ रहा है कि पक्ष और विपक्ष एक ही तवे पर रोटियां सेंक रहे हैं जिसका धुंआ कार्यकर्ताओं की आंख को नहीं जला पा रहा है| भाजपा पर भी यह आरोप है कि अगर यह आरोप झूठा था तो सरकार की तरफ से ऐसा कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया जिससे कांग्रेस के नेताओं को करारा झटका लगता मतलब साफ है कि इस पूरे मामले में कुछ तो ऐसा है जिसके बारे में कोई भी बात करने को तैयार नहीं है|
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