भाजपा के जिला अध्यक्षों की बढ़ेंगी 'मुस्किलें' संगठन एप से रखी जाएगी नजर

मध्य प्रदेश भाजपा ने जिला अध्यक्षों की घोषणा के बाद उन पर निगरानी की योजना भी तैयार कर ली है। भारतीय जनता पार्टी अब संगठन एप के माध्यम से अपने सभी जिला अध्यक्षों के क्रियाकलाप पर निगरानी रखेगी। मप्र भाजपा संगठन ने तय किया है कि अब सभी जिला अध्यक्षों के एक-एक काम पर प्रदेश नेतृत्व नजर रखेगा। दरअसल जिस प्रकार से पिछले कुछ समय से एमपी बीजेपी के नेताओं में आपसी तकरार देखने को मिल रही है उससे भाजपा के कैडरबेस पार्टी होने पर सवाल खड़े होने लगे हैं। प्रदेश के हर अंचलों में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने बगावती तेवर अपना रखा है। खासकर कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं के प्रति पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं का गुस्सा लगातार सतह पर आता रहा है। विंध्य की बात करें या फिर बुंदेलखंड की इसके बाद महाकौशल में भी भाजपा के नेता मुखर होते रहे हैं। अब नए जिला अध्यक्षों के सामने यही एक बड़ी चुनौती रहने वाली है कि पार्टी के अंदर पनप रही गुटबाजी और फिर मंचों में खुलेआम हो रही बयानबाजी से कैसे पार पाया जाए। नए जिला अध्यक्षों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही होने वाली है कि वो सीनियर नेताओं को कैसे शांत करेंगे। जिस प्रकार से भूपेन्द्र सिंह ने गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ बागी तेवर अपना रखा है तो यहां प्रदेश नेतृत्व भी खुद को लाचार सा महसूस कर रहा है क्योंकि भूपेन्द्र सिंह पार्टी के काफी सीनियर नेता हैं लिहाजा प्रदेश नेतृत्व अब तक उनको संतुष्ट करने में नाकाम रहा। ठीक यही स्थिति अब जिला अध्यक्षों की होने वाली है क्योंकि अधिकर विरोध करने वाले वरिष्ठ नेता हैं उनसे जिला नेतृत्व किस प्रकार से पार पाएगा यह एक बड़ी चुनौती है। इसी लिए प्रदेश नेतृत्व ने संगठन एक के माध्यम से जिला अध्यक्षों पर निगरानी की रणनीति तैयार की है जिससे वो पार्टी में चल रही गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख सकें।
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