चार साल का कार्यकाल पूरा करने वाले भाजपा जिला अध्यक्ष नहीं होंगे रिपीट,महिलाओं को मिलेगा प्रतिनिधित्व
मध्य प्रदेश भाजपा में जिला अध्यक्षों को लेकर चल रहे घमासान पर जल्द ही ब्रेक लगने वाला है। राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ बुधवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा की बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि चार साल से ज्यादा का वक्त का कार्यकाल पूरा कर चुके किसी भी जिला अध्यक्ष को रिपीट नहीं किया जाएगा। भाजपा देश भर में अपने जिला अध्यक्षों को रिपीट न करने के फॉर्मूले पर सख्ती से काम कर रही है। भोपाल के सुमित पचौरी और इंदौर के गौरव रणदिवे के युवा होने के कारण दोबारा मौका देने की वकालत की जा रही थी। लेकिन अब यहा नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। इसके साथ ही कुल 18 जिलों में मौजूदा युवा जिलाध्यक्षों के रिपिटेशन पर तलवार लटक गई है। अब इनमे से ज्यादातर को बदला जाएगा। वहीं आठ महिला जिला अध्यक्ष बनाए जाने पर भी सहमति बन रही है। इसके अलावा आदिवासी और दलित वर्ग से भी पांच-पांच जिला अध्यक्ष बनाए जाएंगे। ऐसा मध्य प्रदेश में भाजपा पहली बार करने जा रही है। ग्वालियर के मौजूदा अध्यक्ष अभय चौधरी काफी उम्रदराज हो चुके हैं इसलिए उनकी जगह जयप्रकाश चौरसिया,आशीष अग्रवाल य हरीश मेवफरोश में से किसी एक को जिम्मेदारी दी जा सकती है। भोपाल में पार्षद रवीन्द्र यती और इंदौर में सुमित मिश्रा और टीनू जैन के नाम आगे हैं। Mukhbir को मिली जानकारी के अनुसार सागर और धार में भाजपा दो-दो जिला अध्यक्ष बनाने जा रही है। और अगर ऐसा होता है तो भाजपा में 60 के बजाय 62 जिला अध्यक्ष हो सकते हैं। देवरी,रहली और बंडा को मिला कर एक नया जिला बनाना प्रस्तावित है। बीना,खुरई,सुरखी,नरयावली और सागर को मिला कर एक नया जिला बनेगा।
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