विजयपुर की ‘विजय’ पर भाजपा को संशय,वरिष्ठ नेताओं के भरोसे भाजपा माहौल बनाने का कर रही प्रयास,प्रतिष्ठा में भाजपा की शाख
विजयपुर में भाजपा का धुंआधार चुनाव प्रचार लगातार जारी है| भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं ने विजयपुर में जीत का पर्चम लहराने के लिए डेरा डाल दिया है| लेकिन विजयपुर की ‘विजय’ पर भाजपा को खुद संशय है| यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी शक्ति लगा दी है कि किसी भी सूरत में विजयपुर में फतह हासिल करना है| दरअसल कांग्रेस के पास विजयपुर में खोने के लिए कुछ भी नहीं है इसी लिए कांग्रेस ने आदिवासी कार्ड खेल कर विजयपुर में भाजपा की राह को कठिन बना दिया है| रामनिवास रावत ओवीसी वर्ग से आते हैं और विजयपुर आदिवासी बाहुल क्षेत्र हैं जिसके कारण कांग्रेस द्वारा फेंका गया सियासी जाल काफी मजबूत नजर आ रहा है| कांग्रेस नेताओं को भी लगने लगा है कि अगर विजयपुर में एकजुटता के साथ मेहनत की जाए तो यहां पर भाजपा की जीत पर रोक लगाई जा सकती है| पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से लेकर कांग्रेस के अन्य नेता भी बुंधनी की तुलना में विजयपुर को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं| यही कारण है कि कांग्रेस के ज्यादातर नेता विजयपुर की ओर कूंच कर रहे हैं| कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को भी लग रहा है कि अगर विजयपुर को जैसे-तैसे कर जीत लिया तो उनकी कुछ प्रतिष्ठा बच जाएगी| क्योंकि जिस प्रकार से जीतू पटवारी के नेतृत्व में कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ा है उससे जीतू पटवारी का केन्द्रीय नेतृत्व के सामने सियार कमजोर हो गया है| अगर कांग्रेस विजयपुर सीट को बचाने में कामयाब होती है तो जीतू पटवारी को जीवनदान मिल सकता है|# C
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