संविदा और ठेका श्रमिक कर्मचारी संघ के साथ भाजपा सरकार ने किया छलावा,वादा कर वोट लिया फिर भूले

मध्य प्रदेश संविदा और ठेका श्रमिक कर्मचारी संघ को विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा सरकार ने बड़े-बड़े वादे किए लेकिन एक भी वादे पर भाजपा सरकार ने अमल नहीं किया। जबकि इन कर्मचारियों से सरकार के वादे पर भरोसा कर उन्हे वोट दिया और सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रदेश की मोहन सरकार को उसका वादा याद दिलाने के लिए पिछले रविवार को भोपाल के डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर मैदान में एक बड़ा प्रदर्शन भी किया गया लेकिन वहां पर सरकार का कोई भी नुमाइंदा इनकी सुध लेने के लिए नहीं पहुंचा। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश संविदा और ठेका श्रमिक कर्मचारी संघ इंटक के बैनरतले और प्रदेश अध्यक्ष एल.के.दुबे के नेतृत्व में एक बड़ा प्रदर्शन किया गया था। जिसमें भर्ती विसंगतियां और लंबित मांगों को लेकर अपनी मांगें रखी गई थी। आउटसोर्स कर्मचारियों ने मांग करते हुए कहा था कि अनुभव का लाभ देते हुये आयु सीमा में छूट मिले। और बोनस अंक प्रदान करने की मांग की गई है, आउटसोर्स कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन का भुगतान अप्रैल 2024 से किया जाए, विद्युत कपनियों में कार्यरत संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रदेश शासन की तरह सी.पी.सी.टी. में शिथिलता मिले। भर्ती विज्ञापन में परीक्षण सहायक के पदों को जोड़ा जाए। साथ ही परीक्षण सहायक संविदा की वेतन विसंगति और कार्यालय सहायक श्रेणी 3 की ग्रेड पे विसंगति को दूर किया जाए। विद्युत कंपनी में संविदा निति 2023 के अनुरूप नियमित भर्ती में संविदा कर्मचारियों को सभी पदों पर 50 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिले। विद्युत कंपनी में कार्यरत सभी वर्ग के कर्मचारियों को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में गृह जिला स्थानांतरण नीति लागू हो, इसके साथ सभी तकनीकी संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों को जोखिम भत्ता एवं राष्ट्रीय अवकाश पर कार्य करने पर अतिरिक्त वेतन दिया जाए। विद्युत कंपनियों में कार्यरत सभी संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों का 20 लाख का बीमा किया जाये। इन सभी मागों को लेकर ठेका श्रमिक कर्मचारी संघ ने प्रदर्शन किया था जिस पर राज्य सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया।
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