भाजपा ने जनसभा तो कांग्रेस ने जनसंपर्क में झोंकी ताकत,स्टार प्रचारकों की कमी से जूझती रही कांग्रेस,कमलनाथ से उप चुनाव से बना रखी थी दूरी

बुंधनी और विजयपुर उप चुनाव में जहां भारतीय जनता पार्टी ने अपने स्टार प्रचारकों से जनता के दिल तक पहुंचने का प्रयास किया है तो वहीं कांग्रेस पार्टी में स्टार प्रचारकों की भारी कमी देखने को मिली और यही वजह रही कि कांग्रेस पार्टी ने जनसंपर्क में ताकत झोंक दी| हांलाकि कांग्रेस नेताओं का मानना है कि जन संपर्क में स्थितियां पार्टी के पक्ष में ज्यादा आती हैं क्योंकि जनता चाहती है कि जिस पार्टी अथवा नेता को वो वोट दे रहे हैं वो उनके प्रति कितना गंभीर है यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी ने जनसभाएं करने के बजाय जनसंपर्क पर ज्यादा विश्वास रखा| दोनों पार्टियों की सभाओं और प्रचार के तरीकों पर नजर डालें तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुंधनी में चार सभाएं कर चुके हैं| सीएम यादव और केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करीब 15 सभाएं की हैं वहीं भाजपा के प्रत्याशी रमाकांत भार्गव 150 से अधिक गांवों में जनसंपर्क कर चुके हैं| इधर कांग्रेस पर नजर डालें तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित अन्य बड़े नेताओँ ने सात सभाएं ली हैं| कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल बुंधनी विधानसभा के सभी 169 गांवों में जनसंपर्क कर चुके हैं| लेकिन यहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ की बात करें तो उन्होने बुंधनी से पूरी तरह से दूरी बना कर रखी वो एक बार भी चुनाव प्रचार करने के लिए नहीं गए हैं| कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी खुद करीब 100 गांवों में चुनाव प्रचार करने के लिए जा चुके हैं| पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बुंधनी में दो दिन रुके और 40 से 50 गांव का दौरा कर जनता से जनसंपर्क कर चुके हैं| भाजपा की तरफ से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और उनके बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान लगातार क्षेत्र में सभाएं और जनसंपर्क करते नजर आए हैं| कुल मिला कर बुंधनी का चुनाव शिवराज और कांग्रेस के बीच हो चुका है| गौरतलब है कि जिस प्रकार से भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव को विरोध हुआ था उस माहौल को बदलने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है|
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