भोपाल लोकसभा सीट को लेकर संशय में बीजेपी,कुल वोटिंग प्रतिशत के बाद धर्म और वर्गवार आंकड़े जुटाने में जुटे बीजेपी के नेता खतरे में ‘गारंटी’
भोपाल की लोकसभा सीट भाजपा की पारंपरिक सीटों में गिनी जाती है| भाजपा ने राजधानी से जिसको भी चुनाव मैदान में उतारा उसने फतह हासिल की लेकिन मोदी की गारंटी के बीच लड़े गए इस बार के चुनाव में आंकड़े कुछ अलग ही बयां कर रहे हैं| भाजपा से पूर्व महापौर आलोक शर्मा चुनाव मैदान में थे तो वहीं कांग्रेस से अरुण श्रीवास्तव ने मजबूत दस्तक देकर भाजपा को चिंता में ला दिया है| गौरतलब है कि भोपाल में तीसरे चरण सात मई को वोटिंग हुई थी जिसके बाद नेताओं और कार्यकर्ताओं के पास काफी समय बचा है लिहाजा वो जाति और धर्म के हिसाब से जीत और हार के आंकड़े निकालने में लगे हैं और जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उससे बीजेपी थोड़ा हैरान और परेशान है| आंकड़ों की बात करें तो भोपाल में करीब पांच लाख मुस्लिम वर्ग के लोग हैं,डेढ़ लाख से ज्यादा कायस्थ समाज के लोग हैं| भोपाल में कुल 13 लाख 29 हजार 205 वोट पड़े हैं| इस वोटिंग को देखते हुए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पांच लाख मुस्लिमों में अगर चार लाख लोगों ने भी वोट दिया है तो वो कांग्रेस के खाते में गया है इसी तरह करीब डेढ़ लाख कायस्थों में 50 हजार वोट कांग्रेस के खाते में गया होगा| माना यह भी जा रहा है कि इतने बड़े भोपाल में करीब एक से डेढ़ लाख वोट कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों के हैं| आंकड़ों के हिसाब से कांग्रेस करीब साढ़े छह लाख के आस पास वोट पाती हुई दिख रही है| और कुल वोट 13 लाख 29 हजार ही पड़े हैं| इन आंकड़ों को माना जाए तो इस बार भोपाल में कमल शंकट में दिखाई पड़ रहा है| भाजपा की तुलना में कांग्रेस उम्मीदवार अरुण श्रीवास्तव के प्रबंधन की भी खूब तारीफ हो रही है| अलग-अलग मोहल्ले और कालेनियों की बात करें तो लोगों का कहना है कि भाजपा की तरफ से न तो आलोक शर्मा आए न उनका कोई समर्थक आया यहां तक की कोई पर्ची देने वाला भी नहीं आया| ऐसी स्थिति में कई लोगों ने जो भाजपा में वोट देना चाहते थे उन्होने भी भाजपा उम्मीदवार से दूरी बना ली| जुवानी आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल कांग्रेस काफी मजबूत स्थिति में नजर आ रही है| जिस प्रकार से कहा जा रहा था कि भोपाल से बीजेपी चार से पांच लाख वोटों से जीत दर्ज करेगी वो सारे आंकड़े और अनुमान फेल होते दिख रहे हैं और अब माना जा रहा है कि जो भी जितेगा वो 50 से 60 हजार के वोटों के अंतराल से हारेगा अथवा जीतेगा|
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