कांग्रेस से ‘साइकोलॉजिकल’ लड़ाई के मूड में आई भाजपा,27 जनवरी के बाद भाजपा के बड़े नेता करेंगे सभाएं और रैलियां

मध्य प्रदेश की धरती पर सियासी घमासान मचने वाला है| दरअसल केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को आधार बनाते हुए कांग्रेस पार्टी ने डॉ. अंबेडकर की जन्मस्थली महू में 27 जनवरी को एक बड़ी जनसभा करने के बाद रैली निकालने का ऐलान किया है और उसकी तैयारी में कांग्रेस के सभी नेता जुट चुके हैं| कांग्रेस की इस रैली और सभा में राहुल-प्रियंका के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी शामिल हो रहे हैं| इसके काउंटर में भाजपा पहले 23 से 25 जनवरी के बीच प्रदेश के सात संभागों में बड़े नेताओं की रैली और सभाएं करने की योजना तैयार कर रही थी लेकिन अब भाजपा 27 जनवरी के बाद कांग्रेस को करारा जवाब देगी| भाजपा पहले कांग्रेस की रैली का असर देखना चाहती है और फिर उसके बाद काउंटर करने के लिए भाजपा अपने बड़े नेताओं को मैदान में उतारकर कांग्रेस की रैली का असर खत्म करना चाहती है| भाजपा सियासत के खेल में साइकोलॉजिकल गेम खेलने में माहिर है लिहाजा भाजपा को मालूम है कि अगर उसका कार्यक्रम कांग्रेस के पहले हुआ तो वो फ्लाप हो सकता है लिहाजा कांग्रेस का प्रदर्शन और रैली होने के बाद अगर प्रदेश में कार्यक्रम किया जाएगा तो उसका ब्यापक असर होगा| भारतीय जनता पार्टी के कई केन्द्रीय स्तर के नेता एमपी की धरती पर सभाएं और रैलियां करते नजर आएंगे जिसमें वो यह भी बताएंगे कि कांग्रेस ने कितनी बार संविधान के साथ खिलवाड़ किया है| 1975 के आपातकाल की याद भी भाजपा नेताओं के द्वारा दिलाई जाएगी और यह बताने का प्रयास किया जाएगा कि अनुसूचित जाति और जनजाति को कांग्रेस ने सिर्फ एक वोटबैंक माना उसके सिवाय कुछ नहीं किया और अगर इतने सालों में इन वर्गों के लिए कांग्रेस ने कुछ किया होता तो आज इनका विकास कई गुना आगे बढ़ चुका होता|
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