सक्रिय सदस्यता का क्राइटेरिया पूरा नहीं कर पा रहे भाजपा नेता,बुजुर्ग नेताओं को दिलाई जाएगी सक्रिय सदस्यता

मध्यप्रदेश भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच सक्रिय सदस्यता का बड़ा संकट खड़ा हो गया है| कार्यकर्ताओं के बीच आए इस संकट के कारण पार्टी के सक्रिय सदस्यों का क्राइटेरिया भी पूरा नहीं हो पा रहा है जिसके कारण भारतीय जनता पार्टी को अब नई रणनीति पर काम करना पड़ रहा है| भारतीय जनता पार्टी ने अब संगठनात्मक चुनाव से पहले पुराने और बुजुर्ग कार्यकर्ताओं को सक्रिय सदस्य बनाने की रणनीति तैयार की है| भाजपा की इस रणनीति के तहत बुजुर्ग नेताओं को भी पार्टी सक्रिय सदस्य बनाने जा रही है जिसके तहत वर्तमान कार्यकर्ता बुजुर्ग नेताओं के लिए 50-50 कार्यकर्ता देंगे जिससे वो पार्टी के सक्रिय सदस्य बने रहें और पार्टी का क्राइटेरिया भी पूरा हो जाए| भाजपा में पार्टी की संख्या की नजर से देखा जाएगा तो युवाओं की संख्या बहुत बड़ी है| पिछली बार जिला अध्यक्षों के लिए भी पार्टी ने एक अलग क्राइटेरिया तय किया था जिसके तहत 50 साल से कम उम्र वालों को संगठन में ज्यादा तबज्जो दी गई थी जिसे इस बार के संगठनात्मक चुनाव में भी लागू करने की रणनीति तैयार की जा रही है| साथ ही भाजपा ने एक और रणनीति तैयार की है जिसके तहत पार्टी ने सभी संभाग प्रभारियों को कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बनाने की जिम्मेदारी अभी से सौंप दी है| भाजपा नेतृत्व की सोच है कि बगैर चुनाव के ही संगठनात्मक चुनाव संपन्न हो जाए तो ज्यादा ठीक होगा| इस लिए पार्टी की योजना को अमली जामा पहनाने का काम संभागीय प्रभारी करेंगे| संभागीय प्रभारी जिला और मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं के बीच बैठक कर समन्वय बनाने का काम करेंगे और फिर उन्ही के बीच जो सर्वश्रेष्ठ और सर्वमान्य होगा उसी को मंडल अध्यक्ष बना दिया जाएगा| कुल मिला कर भाजपा लोकतांत्रिक तरीके को इस्तेमाल करके भी चुनाव से दूरी बना कर बगैर किसी विवाद के संगठनात्मक चुनाव को सम्पन्न करने की रणीनीति पर काम कर रही है|
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