सतना नगर निगम परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास लाने की भाजपा नेताओं ने ही रची शाजिस,सांसद गणेश सिंह की भूमिका संदिग्ध
राजनीति में कब किसा दोस्त बन जाए और कब दुस्मन इस बात का अंदाजा लगाना काफी मुस्किल है। सियासत के इस खेल की एक बानगी सतना नगर निगम में देखने को मिली है जहां। सतना ननि अध्यक्ष के खिलाफ लाए अविश्वास में भाजपाइयों की संलिप्तता ही सामने आ रही है। सतना नगर निगम के परिषद अध्यक्ष राजेश चतुर्वेदी के खिलाफ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव में भाजपा के ही दिग्गज शामिल बताए जा रहे हैं। कांग्रेस के नेता तो बाहर से अपनी भूमिका निभाई थी। अंदर से सांसद गणेश सिंह, पूर्व नगर निगम अध्यक्ष अनिल जायसवाल समेत कई बड़े भाजपा नेता शामिल थे। इसका खुलासा एक पूर्व पार्षद सुशील सिंह मुन्ना के ऑडियो टेप के सामने आने के बाद हुआ है। मुन्ना एक और भाजपा नेता से बातचीत करते हुए ये कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि अध्यक्ष कों हटाने का पूरा इंतजाम हो गया है। इसमें बंधवगढ़ (सांसद गणेश सिंह, उनका निवास बांधवगढ़ कॉलोनी में है )और अनिल जायसवाल अपने साथ हैं। गौरतलब है कि सुशील सिंह मुन्ना कई बार पार्षद रहे हैं उनकी पत्नी नम्रता सिंह मौजूदा समय में एमआईसी मेंबर है लेकिन वो नजर कांग्रेसी खेमे में आती हैं पिछले दिनों उन्होंने परिषद की मीटिंग में मेयर योगेश ताम्रकार पर भी विपक्ष से ज्यादा तीखे वार किए थे। ये भी बताते चलें कि सतना नगर निगम में भाजपा के 26 और कांग्रेस के 18 पार्षद हैं। इसके बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आई थी और इसके पारित होने को लेकर आशस्त थीं। इसकी वजह शायद यही थी कि बीजेपी का एक खेमा (सांसद गणेश सिंह का गुट) कांग्रेस के साथ खड़ा था या यूं कहें कि अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष के खिलफ व्यूह रचना ही इस गुट की थी। इस पूरे खेल से भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश संगठन अभी दूर बताया जा रहा है।
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