आदिवासी जिलों में गैर आदिवासी जिला अध्यक्ष बनाएगी भाजपा,आज कल में होगी घोषणा
मध्य प्रदेश भाजपा प्रयोग करने में कभी पीछे नहीं रहती है। अब जिला अध्यक्ष चुनाव में भी भाजपा एक बड़ा प्रयोग करने जा रही है। प्रदेश के जिन जिलों में आदिवासियों की संख्या ज्यादा है उन जिलों में गैर आदिवासी को जिला अध्यक्ष बनाने की रणनीति तैयार हुई है। भाजपा की तरफ से जो तीन नामों का पैनल तैयार करके दिल्ली भेजा गया है उसमें एक गैर आदिवासी नेता का नाम भी शामिल है। हांलाकि अंतिम निर्णय केन्द्रीय नेतृत्व का है लेकिन एमपी बीजेपी के नेताओं की रणनीति अलग है। Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार सभी वर्गों को समान प्रतिनिधित्व देने की योजना तैयार की गई है। एक तरह से भाजपा अपने संगठन चुनाव में भी माइक्रोमैनेमेंट की स्कीम को लागू करना चाहती है। हाजपा का मानना है कि जिस क्षेत्र में जिस वर्ग की संख्या ज्यादा है वहां उसी वर्ग का ब्यक्ति प्रतिनिधित्व होता है तो चीजें व्यवस्थित नहीं रह पाती हैं। इससे पहले भाजपा यह प्रयोग कर चुकी है और उसके परिणाम अपेक्षा के अनुरुप नहीं रहे जिसके चलते अब भाजपा ने अपनी रणनीति बदल दी है। दूसरी तरफ यह बात भी सामने निकल कर सामने आ रही है कि जिन जिलों में लोकसभा की सांसद और महापौर महिला है उन जिलों पुरुष को ही जिला अध्यक्ष बनाया जाएगा। बांकी प्रदेश भर में चार से पांच महिलाओं को इस बार जिला अध्यक्ष बनाने की योजना है। जो तीन नामों का पैनल दिल्ली भेजा गया है उनमें एक महिला नेत्री के नाम को भी शामिल किया गया है। इस बार जिला अध्यक्षों की घोषणा को लेकर बीजेपी काफी सजग और सतर्क है यही कारण है कि भाजपा ने सभी प्रकार के सामाजिक पहलुओं पर विचार करके पैनल तैयार किया है। सूची जारी होने के बाद एमपी बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों पर किसी प्रकार का आरोप न लगे इसी लिए गेंद केन्द्रीय नेतृत्व के पाले में डाल दी गई है जिससे बाद में विरोध के स्वर न उठने पाएं।
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