रुठे विंध्य को पहले मनाएगी भाजपा,बीजेपी से आज रवाना हुए रथ,कल नड्डा दिखाएंगे हरी झंडी
कहा जाता है कि पर्वतराज सुमेरू के शिखर कहे जाने वाले चित्रकूट गिरि को कामदगिरि होने का वरदान भगवान राम ने दिया था। तभी से विश्व के इस अलौकिक पर्वत के दर्शन मात्र से आस्थावानों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। और अब भाजपा का भगवान राम ही बेड़ा पार कर सकते हैं। दरअसल Mukhbir को मिली जानकारी के अनुसार विंध्य (Vindhya) की जनता का मोह अब भाजपा से भंग हो चुका है और इसका खुलासा भाजपा की आंतरिक सर्वे रिपोर्ट (Bjp internal report) में हो चुका है यही कारण है कि चुनाव के महज डेढ़ महीने पहले भाजपा ने राजेन्द्र शुक्ला (Rajendra Shukla) को मंत्री बना कर विंध्य की जनता के जख्म पर मरहम लगाने का काम किया है। लेकिन विंध्य की जनता जितनी भावुक मानी जाती है ठीक उसी प्रकार से विंध्य की जनता राजनीतिक मामलों की भी जानकार मानी जाती है। विंध्य की जनता जब वोट देती है तो सभी प्रकार के सोच विचार करती है। जिस वक्त 2018 में माई के लाल का नारा चल रहा था और ग्वारियर-चंबल के सवर्णों ने भाजपा का साथ छोड़ कर कांग्रेस को जिताने में अपना योगदान दिया था तब विंध्य की जनता ने जाति की परवाह किए बगैर सीएम शिवराज के (Shivraj Singh Chouhan) द्वारा किए विकास को तरजीह दी जिसका नतीजा ये निकला कि विंध्य की 30 सीटों में 24 सीटें भाजपा की छोली में आई। साल 2020 में जब सिंधिया के भाजपा में शामिल होने से फिर भाजपा की सरकार बनी तो विंध्य की जमकर उपेक्षा की गई और ग्वालियर-चंबल के हर तीसरे विधायक में एक को मंत्री बनाया गया। विंध्य देश का सबसे बड़ा सवर्ण बाहुल क्षेत्र माना जाता है इसके बाद भी विंध्य के एक भी सवर्ण नेता को मंत्री नहीं बनाया गया। यहां से भाजपा का ओबीसी प्रेम विंध्य की जनता के सामने आया। बात चस वक्त और गंभीर हो गई जब सीधी में आदिवासी पेशाबकांड (Sidhi Peshab Kand) का मामला सामने आया। विंध्य के सवर्णों ने घटना का जमकर विरोध किया और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई का भी समर्थन किया लेकिन जब आरोपी के घर पर बुल्डोजर चला और उसके परिवार को सड़क पर आना पड़ा तो विंध्य की जनता में शिवराज सरकार और भाजपा के खिलाफ आक्रोश की लहर दौड़ गई। लगातार उपेक्षा का दंश झेलने वाली विंध्य की जनता का इस बार भाजपा से मोह भंग हो गया है। जिस प्रकार से सीएम शिवराज और भाजपा के हर नेता का ओबीसी प्रेम जनता के सामने आया उसके बाद विंध्य की जनता ने भाजपा अलग होने पर खुद की भलाई देख रहे हैं। इन सब बातों की जानकारी भाजपा हाई कमान को है। इसी लिए केन्द्रीय नेतृत्व ने विंध्य में लगातार फोकस किया और मोदी की दो सभाएं रीवा और शहडोल में आयोजित की गई। अमित शाह ने सतना में सभा की। सीएम शिवराज ने महीने भर में विंध्य की ज्यादा तर सीटों का दौरा किया है लेकिन इस बार विंध्य की जनता का मूड बदल पाने में अब तक भाजपा नाकाम साबित हुई है इसी लिए अब भाजपा एक बार फिर भगवान राम का सहारा लेकर उनकी तपोभूमि चित्रकूट से जन आशीर्वाद यात्रा (Jan Ashirwad Yatra) का आगाज करने जा रही है जिसको राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे।
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