भाजपा के ‘मिशन 29’ क्लीन स्वीप पर विंध्य में फिर सकता है पानी,सतना में गणेंश के आगे ‘नारायण’ की चुनौती भारी
मप्र में लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं और लोग अब नतीजों का इंतजार कर रहे हैं| इस बीच खाली समय में लोग आंकड़े जुटाने में लगे हैं कि किस प्रत्याशी को किस क्षेत्र में वोट मिले और कौन सा उम्मीदवार किसको पटखनी देने वाला है| पान की दुकान हो अथवा चाय की दुकान कहीं भी खड़ा होने पर लोगों के बीच समीक्षाओं का दौर जारी है| कुछ ऐसा ही ही चर्चाएं सतना लोकसभा सीट में भी चल रही है जहां की स्थानीय जनता का मानना है कि भाजपा का थोपा गया उम्मीदवार यानि गणेंश सिंह यहां से चुनाव मैदान में थे| गणेंश सिंह चार बार सांसद रहे हैं और पांचवीं बार फिर चुनाव मैदान में हैं जिन्हे स्थानीय जनता बिलकुल नहीं चाहती और उसकी बानगी विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिली जब लोगों ने गणेंश सिंह को हरा दिया लेकिन भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने उससे सीख नहीं ली और गणेंश सिंह को पांचवीं बार चुनाव मैदान में उतार दिया|सतना की हकीकत जानने के लिए Mukhbirmp.com की टीम सतना की गलियों में निकली तो हकीकत कुछ और निकली| लोगों का कहना है कि जिस नेता पर जातिवादी होने का ठप्पा लगा है उसी नेता को भारतीय जनता पार्टी ने पांचवीं बार चुनाव मैदान में उतार दिया ऐसी स्थिति में वो वोट कैसे दे सकते हैं|कुछ और लोगों से मोदी सरकार के विकास पर बात की गई तो उनका यह भी कहना है कि देश में मोदी सरकार ने जमकर विकास किया है लिहाजा मोदी के चेहरे के नाम पर लोगों ने गणेंश सिंह को वोट दिया है और वो बड़े अंतर से नहीं लेकिन चुनाव जीत जाएंगे| दूसरी तरफ जातीय समीकरण की बात करें तो कांग्रेस से सिद्धार्थ कुशवाहा और बीएसपी से नारायण त्रिपाठी चुनाव मैदान में थे जो मझे हुए खिलाड़ी हैं| सतना में ब्राम्हणों की संख्या अच्छी है और किसी भी चुनाव में वो निर्णायक भूमिका में होते हैं| सतना संसदीय क्षेत्र की दो विधानसभा सीटें कांग्रेस के कब्जे में हैं और माना जा रहा है कि इन क्षेत्रों में कांग्रेस के पक्ष में जमकर वोट पड़े हैं| रैगांव विधनसभा जहां से मंत्री प्रतिमा बागरी आती हैं वहां भी बागरी समाज के लोगों ने कांग्रेस के पक्ष में जमकर वोट किया है| सिद्धार्थ कुशवाहा को अच्छे वोट मिलने के साथ नारायण त्रिपाठी को ब्राम्हणों का वोट खूब मिला है कहा यह भी जा रहा है कि बीएसपी से चुनाव मैदान में होने के कारण उन्हे एससी वार्ग का भी समर्थन मिला है| मतलब साफ है कि सतना में भाजपा की राहें इस बार कठिन हैं मुकाबला त्रिकोणीय है इस बीच कौन उम्मीदवार जीत दर्ज करेगा यह अब भी सवालों के घेरे में है|
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