बीजेपी के 'अनुशासन' पर 'सुशासन' का डंडा,गाइडलाइन से बाहर जाने वालों पर हो रही अनुशासनात्म कार्रवाई

मप्र भाजपा की बिगड़ती लाइन लेंथ को अब एकबार फिर सुधारने के प्रयास शुरु हो चुके हैं। सरकार से लेकर संगठन तक लगातार प्रयास कर रहा है कि पार्टी के अंदर जो असमंजस की स्थिति बनी हुई है उसे खत्म कर कार्यकर्ताओं के बीच उत्साह का वातावरण निर्मित किया जाए। पिछले कुछ महीनों में भाजपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी बेलगाम से नजर आए हैं। जिसके मुंह में जो आया वही बक रहा है जिसके कारण भाजपा की किरकिरी हो रही है। भाजपा एक कैडर बेस पार्टी मानी जाती है जहां किसी नेता को कुछ बोलना है तो उसके लिए भी गाइडलाइन तय होती है कि क्या बोलना है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से भाजपा का कांग्रेसी करण हो गया था। जिस नेता को कुछ बोलना है तो वो बोल रहा है उसे पार्टी की गाइडलाइन से कोई लेना देना नहीं रहा है। कुछ नेता तो इसलिए भी अनाप सनाप बोल रहे हैं कि अध्यक्ष का चुनाव होना है लिहाजा इस वक्त उन पर किसी की नजर नहीं है। और इसी का परिणाम है कि भाजपा के कई नेता ने खुद को पार्टी संविधान से ऊपर समझते हुए कुछ भी बयान दिया है। ऐसे कुछ नेताओं में शामिल हैं मऊगंज से विधायक प्रदीप पटेल,प्रीतम लोधी,सागर की महापौर सहित कई नेता हैं जिन्होने कई ऐसे बयान दिए जो उन्हे नहीं देना चाहिए था। आखिर इन सबका घड़ा भरा और पार्टी की तरफ से नोटिस जारी कर इन सभी नेताओं को एक-एक कर प्रदेश कार्यालय बुलाया गया और फिर सभी की जम कर क्लास लगाई गई। सबसे पहले मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल को तलब किया गया जो पिछले कुछ समय से लगातार सुर्खियों में रहे हैं। प्रदीप पटेल को सीएम यादव,प्रदेश प्रभारी महेन्द्र सिंह,प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और अध्यक्ष वीडी शर्मा के सामने पेस किया गया। जहां उनसे कई विषयों पर चर्चा हुई। इनके अलावा सागर महापौर को भी बुला कर हिदायत दी गई कि कोई समस्या है तो पार्टी फोरम में आकर कहें सार्वजनिक मंच में कहने से कुछ नहीं होगा। इसी प्रकार प्रीतम लोधी को भी हिदायत देते हुए कहा गया है कि पार्टी से बड़े आप नहीं हैं पार्टी के हिसाब से ही आपको चलना होगा। Mukhbir से मिली जानकारी के अनुसार संगठन के रडार पर कुछ मंत्रियों के नाम भी शामिल हैं लेकिन संगठन मंत्रियों को बुलाने में हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। लेकिन ये बात तय है कि विंध्य से कुछ और नेताओं को बुलाया जाएगा वहीं बुंदेलखंड से पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत को बुलाने की संगठन हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।
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