दिवाली से पहले टोपी छाप पत्रकारों नें नेताओं और राजनीतिक कार्यालयों में डाला डेरा,बगैर पैकेट लिए हटने को नहीं हो रहे तैयार
दीपावली पूर्ण रुप से हिंदुओं का त्योहार माना जाता है जिसमें लोग मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं| अलग-अलग पार्टियों के नेता अपनी क्षमता के अनुसार इस दौरान लोगों को उपहार भी देते हैं| इसी प्रकार भाजपा हो य कांग्रेस इन कार्यालयों में भी उपहारों की व्यवस्था की गई| लेकिन हद तो तब हो गई तब एक लंबी कतार देखने को मिली| उस लंबी कतार में 90 फीसदी टोपी छाप पत्रकार ही देखने को मिले| स्थिति ऐसी देखने को मिल रही थी जैसे वो खुलेआम अडी डालने के लिए पहुंचे हों| जिस प्रकार से भाजपा कार्यालय में भीड़ देखने को मिली उसके बाद तो यह साफ कहा जा सकता है कि भोपाल में टोपी-छाप पत्रकारों की गैंग हावी है जो हिंदुओं के त्योहार में वसूली का पूरा लाभ उठाने को तैयार है| अब सवाल इस बात का उठता है कि दीपावली के दौरान मिलने वाले उपहार में मां लक्ष्मी की तस्वीर सहित अन्य पूजा की सामग्रियां वितरित की जाती हैं जिसे टोपी-छाप पत्रकार क्या करते हैं| इस मामले में जब पड़ताल की गई तो पता चला कि टोपी-छाप पत्रकार मिलने वाले उपहार में मिठाई के डिब्बे तो निकाल लेते हैं लेकिन उसमें जो पूजा की सामग्री होती है उसे वो दुकानों में जाकर बेच देते हैं उससे भी वो पैसे कमा लेते हैं| खबर लिखने का सार यह है कि इन टोपी-छाप पत्रकारों से सभी प्रतिनिधियों और अन्य लोगों को सावधान रहना है क्योंकि पूरे भोपाल में टोपी-छाप पत्रकारों की एक लंबी गैंग चल रही है जो उपहार के रुप में लूटने के लिए तत्पर है और लोग सबकुछ जान कर भी लुटने के लिए तैयार हैं| यहां सवाल इस बात का भी उठता है कि क्या टोपी-छाप पत्रकार दीपावली के त्योहार को मानते हैं जो पूरी शिद्दत के साथ हिंदुओं के इस महा पर्व में उपहार लेने के लिए सबसे पहले पहुंच रहे हैं|
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