सरकार के लिए मुसीबत बने भूपेन्द्र सिंह बच्चों पर यौन सोषण का आरोप लगाकर मचाई सनसनी
मंत्रिमंडल में भूपेन्द्र सिंह को शामिल नहीं करना इतना मंहगा पड़ेगा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बात पर विचार नहीं किया होगा| दरअसल भूपेन्द्र सिंह ने पिछले कुछ समय से राज्य सरकार को लगातार कटघरे में खड़ा कर रखा है| कभी वो कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं को स्वीकार करने से इंकार करते हैं तो कभी सरकार के अन्य कामों में सवाल खड़े करने में वो कोताही नहीं करते हैं| इस बार भूपेन्द्र सिंह ने पहले सदन में सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि टोल में अवैध वसूली हो रही है| भूपेन्द्र सिंह ने बात यहीं खत्म नहीं की उन्होने कहा कि प्रदेश में कई ऐसी असाशकीय संस्थाएं संचालित हो रही हैं जहां पर बच्चों के साथ लगातार यौन सोषण किया जा रहा है| भूपेन्द्र सिंह ने नई शिक्षा नीति पर भी सवाल खड़ा किया औऱ कहा कि नई शिक्षा नीति लागू हुई उसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन नई शिक्षा नीति में कोई ऐसा कड़ा प्रावधान नहीं किया है जिससे बच्चों के यौनसोषण पर रोक लगाई जा सके| मतलब साफ है कि भूपेन्द्र सिंह ने अब राज्य सरकार से आरपार का मूड बना लिया है जिसको लेकर राज्य सरकार को तैयार रहना होगा| बात यहीं खत्म नहीं हुई भूपेन्द्र सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार को महिलाओं पर हो रहे दुष्कर्म की वारदात पर भी रोक लगाने की जरुरत है जिस प्रकार से महिला उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं उससे राज्य सरकार की छवि खराब हो रही है|
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