विंध्य में बीजेपी को बड़ा झटका,ठाकुरों ने किया किनारा,भेदभाव के चलते सांसद अजय प्रताप ने छोड़ी पार्टी
राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह (ajay pratap singh) ने पार्टी की प्रथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे की एक प्रति अजय प्रताप ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और दूसरी प्रति प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को भेजा है। अजय प्रताप सिंह सीधी लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव की दावेदारी कर रहे थे लेकिन पार्टी ने यहां से उनको अनदेखा कर राजेश मिश्रा को टिकट दे दिया है। Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार अजय प्रताप का पार्टी के एक वरिष्ठ और जिम्मेदार नेता से काफी विवाद हुआ था। अजय प्रताप ने अपनी तरफ से कई तरह की दलीलें दी लेकिन उनकी दलीलों को शिरे से खारिज कर दिया गया। अजय सिंह का ऐसे समय पर पार्टी छोड़ने का सीधा मतलब है कि भाजपा के अंदर ही अंदर बहुत द्वंद चल रहा है। पार्टी में अन्य दलों से नेताओं को ज्वाइन कराया जा रहा है लेकिन बढ़ती भीड़ के कारण पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं वो खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। अजय प्रताप सिंह के मामले में भी ऐसा ही सुनने में आया है। उन्होने पार्टी नेत्रृत्व के सामने अपनी बातें रखने का प्रयास किया लेकिन पार्टी के हमत्वपूर्ण पद पर बैठे नेता ने अजय प्रताप की एक नहीं सुनी। उल्टे जब अजय प्रताप के इस्तीफे की खबर आग की तरह फैली तो भाजपा के नेता यही कहते नजर आए की महत्वकांक्षाएं इतनी भी नहीं होनी चाहिए कि पार्टी छोड़ने की नौवत आ जाए। भाजपा की तरफ से अब ये भी कहा जा रहा है कि पार्टी ने एक ऐसे नेता को राज्यसभा भेजा जो विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज नहीं कर पाया। इस मामले में पूर्व सांसद रीति पाठक ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन अजय प्रताप के करीबियों को खुला आरोप है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता से उन्हे अपमानित होना पड़ा है और मजबूर होकर ही अजय प्रताप ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दिया है। विंध्य में ठाकुर वर्ग का बड़ा वोटबैंक है और माना जा रहा है कि अजय प्रताप सिंह के अपमान का बदला ठाकुर वर्ग के लोग लोकसभा चुनाव में जरुर लेंगे।
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