कमलेश्वर पटेल का बड़ा कारनामा,पत्नी,बेटे और भाई के नाम पर बनवाया छह करोड़ का मुआबजा
सीधी लोकसभा (sidhi lok sabha) से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी एवं कमलनाथ (kamal nath) की 15 महीने की सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रहे सिहावल के पूर्व विधायक कमलेश्वर पटेल (kamleshwar patel) के ऊपर करोड़ों के भू-अर्जन भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। सिंगरौली कलेक्टर की आधिकारिक वेबसाइट पर धिरौली कोल ब्लॉक परियोजना हेतु किए गए भू- अर्जन का अपलोड किया गया अवार्ड एवं गणना पत्रक पूरे विंध्य में चर्चा का केन्द्र बना हुआ है। मुखबिर को मिले दस्तावेजों की सूची में धिरौली कोल ब्लॉक में प्रभावित विभिन्न ग्रामों में कमलेश्वर पटेल की पत्नी प्रीति पटेल उनके सुपुत्र ईशान पटेल सुपुत्री ईशा पटेल एवं भाई अजीत पटेल के नाम करीबन 6 करोड रुपए का मुआबजा तैयार किया गया है। उक्त ग्रामों में कोल उत्खनन हेतु अधिग्रहण की सूचना लगते ही कमलेश्वर पटेल एवं उनके परिजनों के द्वारा गरीब किसानों से बेहद ही मामूली कीमत पर जमीन क्रय कर ली गई और अपने राजनीतिक रसूल का उपयोग कर उन जमीनों पर फर्जी मकान एवं पर संपत्तियां दर्शाकर करोड़ों का मुआबजे का खेल खेलने की एक पूरी साजिश रची गई है। जाहिर है कांग्रेस सरकार में मिले मंत्री पद का रसूक बड़ी मुआबजे प्रतिकार की राशि में कमलेश्वर पटेल के काम आया ऐसे में अब बड़ा सवाल यह उठत है की क्या प्रदेश की भाजपा सरकार मामला प्रकाश में आ जाने के बावजूद संपूर्ण मुआबजा कमलेश्वर पटेल को प्रदान करेगी अथवा मामले की गंभीरता से जांच करवाएगी। सिंगरौली में कमलेश्वर पटेल की ही तरह विभिन्न रसूखदारों ने मुआबजे का अरबों में गबन किया है। मुआबजा प्रभावित ग्रामों में ना तो कमलेश्वर पटेल कभी गए ना ही उनके परिजन नहीं उनके पास बिजली पानी राशन कार्ड जैसी कोई चीज का मुआबजा प्रभावित गांव की है फिर भी स्थानीय लोगों से ज्यादा मुआबजा उनके नाम कैसे तैयार हो गया यह गंभीर प्रश्न है। अन्य नेताओं अधिकारियों मीडिया कर्मियों और पुलिस के लोगों के मुआवजे के बंदर पाट की जानकारी mukhbirmp.com आपके साथ शेयर करता रहेगा। पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने जिस प्रकार से भाजपा की सरकार में अवैध तरीके से वैध राशि को निकालने का एक बड़ा शड़यंत्र रचा है उससे स्पष्ट है की इस पूरे मामले में भाजपा के नेताओं का भी हाथ है। इसी लिए अभी तक बीजेपी के किसी भी नेता ने इस मामले में किसी प्रकार का संज्ञान नहीं लिया। अब इस पूरे मामले में ईडी की क्या भूमिका रहेगी यह तो वक्त बताएगा। कमलेश्वर पटेल के द्वारा फर्जी तरीके से निकाली जा रही मुआबजे की राशि की लिष्ट यहीं खत्म नहीं होती है। उनके कारनामें और हैं जिन्हे Mukhbir में आगे प्रकाशित किया जाएगा।
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