बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष के लिए चहेते नेताओं के नाम आगे बढ़ा रहे बड़े नेता,भूपेन्द्र सिंह भी दौड़ में शामिल
भाजपा में हो रहे संगठनात्मक चुनाव के बीच अब माना जा रहा है कि पार्टी में राष्ट्रपति साशन लग चुका है लिहाजा अब किसी भी पदाधिकारी के पास कोई औपचारिक पद नहीं है जो भी पदाधिकारी हैं वो सभी कार्यवाहक के तौर पर काम कर रहे हैं। इस बीच अध्यक्ष के चुनाव को लेकर प्रदेश के सक्रिय नेता अपने चहेतों का नाम आगे बढ़ाने से बिल्कुल भी नहीं चूक रहे। पार्टी कार्यकर्ताओं के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव भी अपने करीबी नेताओं का नाम लेकर दिल्ली तक पहुंच चुके हैं। Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार दो दिन पहले उज्जैन दौरे पर आए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन और मालवा के नेताओं का नाम प्रदेश अध्यक्ष के लिए आगे बढ़ाया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भूपेंद्र सिंह को बतौर प्रदेश अध्यक्ष नाम आगे बढ़ाया है। जबकि देखा जाए तो प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रदेश महामंत्री हरिशंकर खटीक,लालसिंह आर्य,सुमेर सिंह सोलंकी,आलोक शर्मा और रामेश्वर शर्मा का नाम प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सामने आ रहा है। अभी तक सामने आए सभी नामों पर बारीकि से नजर डालें तो देखने में आता है कि पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह को छोड़ सभी नेता प्रदेश अध्यक्ष की काबिलियत रखते हैं। लेकिन भूपेंद्र सिंह अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, सागर और खुरई में उनकी गुंडई ने प्रदेश भाजपा को पहले भी उनके चयन के लिए कठघरे में खड़ा कर दिया था। ऐसे में अब भाजपा दोबारा उनके नाम पर विचार करेगी यह तो संभव नहीं। वहीं कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं के बारे में उन्होंने कहा था कि "पार्टी स्वीकार करे या ना करे मैं उन्हें स्वीकार नहीं करूंगा", इसका सीधा सीधा अर्थ है कि सिंधिया और उनके करीबी भूपेंद्र सिंह के अध्यक्ष बन जाने के बाद स्वीकार नहीं किए जाएंगे। यही नहीं अगर भाजपा की अपनी प्रतिकृति अनुसार कार्यशैली को आगे बढ़ाना है तो भूपेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष के पद से बाहर निकलना होगा।
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