शासकीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर,'तबादलों से हटा बैन'

लंबे समय से चर्चा चल रही थी कि शासकीय कर्मचारियों के तबादलों से बैन कब हटेगा। कर्मचारी लगातार सरकार की ओर टकटकी लगाए देख भी रहे थे। इंतजार करते करते मोहन सरकार के एक साल बीत गए आखिरकार सीएम डॉ. मोहन यादव ने तबादला नीति में शिथिलता बरतते हुए कर्मचारियों के तबादले पर लगे बैन को आंशिक रुप से खत्म कर दिया है। लेकिन जिस प्रकार से तबादला नीति में बदलाव किया गया है उसमें विभागीय मंत्री और प्रभारी मंत्रियों के दरबाजों के चक्कर शासकीय कर्मचारियों को लगाने पड़ेंगे। सरकार के नए आदेश के मुताबिक जिस प्रकार से तबादलों से बैन हटाया गया है उसमें एक बड़ी शर्त जोड़ी गई है। अगर किसी कर्मचारी को अपनी मनचाही जगह पर जाना है तो पहले उसे कोई बड़ी समस्या बतानी पड़ेगी उसी के आधार पर तबादला हो। उसके अलाबा तबादले के लिए कर्मचारी को प्रभारी मंत्री की अनुशंसा चाहिए होगी या फिर विभागीय मंत्री को तबादला करने का अधिकार होगा। कुल मिला कर सरकार ने तबादले से बैन हटा तो दिया है लेकिन जिस प्रकार से प्रभारी मंत्रियों और विभागीय मंत्रियों को चबादला करने का अधिकार दिया है उससे कर्मचारियों को काफी परेशानियों से गुजरना होगा। क्योंकि सभी कर्मचारी मंत्रियों तक नहीं पहुंच सकते लिहाजा उन्हे मंत्रियों के इर्द-गिर्द भटकने वाले छर्रों का सहारा लेना पड़ेगा और उसमें कर्मचारियों को अपनी जेब भी ढीली करनी पड़ेगी।
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