तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ जमकर मारपीट, सीएम नीतीश बोले- जांच के लिए अधिकारियों की टीम भेजी है
तमिलनाडु से बिहार लौट रहे बिहारी कामगारों की चर्चा राजनीति का मुद्दा बन गया है। खबरों के मुताबिक तमिलनाडु से सैकड़ों बिहार मजदूर मारपीट के बाद बिहार लौट रहे है। बीते दिन एर्नाकुलम एक्सप्रेस से कई मजदूर बिहार के झाझा स्टेशन पर कंधे पर बैग,
पटना। तमिलनाडु से बिहार लौट रहे बिहारी कामगारों की चर्चा राजनीति का मुद्दा बन गया है। खबरों के मुताबिक तमिलनाडु से सैकड़ों बिहार मजदूर मारपीट के बाद बिहार लौट रहे है। बीते दिन एर्नाकुलम एक्सप्रेस से कई मजदूर बिहार के झाझा स्टेशन पर कंधे पर बैग, चेहरे पर चिंता की लकीरें लेकर जब उतरे। जिस किसी ने उनके लौटने के बारे में पूछा तो वो बिफर कर रोने लगे। राजनीति की जांच रिपोर्ट में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साथ पुलिस प्रशासन भले ही इससे मना कर रहे हो। लेकिन इस घटना से नकारा नहीं जा सकता। मारपीट के बाद बिहार लौटे मजदूरो का कहना है कि हमें रोजगार और पैसा छोड़कर लौटना पड़ रहा है।
क्या है मामला?
महाराष्ट्र की तर्ज पर 'स्थानीय पहले' की विचारधारा तमिलनाडु में भी पनप रही है। महाराष्ट्र में कई दशक पहले बिहार मजदूरों की मारपीट कर भगाया गया। इसके पीछे महाराष्ट्र के लोगों का राोजगार से वंचित होना बताया जाता था। महाराष्ट्र से बिहार के लोगों को जब भगाया गया तो उन्होंने अन्य राज्यों में जाने का मार्ग अख्तियार किया था। महाराष्ट्रियन लोगों की तरह ही तमिलनाडु के लोग बिहारी मजदूरों का विरोध कर रहे हैं। तमिलनाडु की जनता मेरा देश छोड़ो का नारा लगा रहे हैं। तमिलनाडु में कथित तौर पर बिहार के श्रमिकों पर हुए हमले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में मीडिया से कहा कि जब अखबार के माध्यम से मुझे जानकारी मिली तो मैंने अधिकारियों से मामले के बारे में जानकारी निकालने को कहा। कल टीम भेजने के लिए बोला गया है, वह टीम जा रही है और एक-एक चीज देखेगी। प्रवासी मजदूरों पर कथित तौर पर हुए "हमलों" को लेकर बिहार सरकार की 4 सदस्यीय टीम आज तमिलनाडु का दौरा करेगी। टीम स्थिति का जायजा लेगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दौरे के बाद एक रिपोर्ट सौंपेगी।
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