'चीता द प्राइड ऑफ इंडिया' दिल्ली में बताएगी एमपी की विकास गाथा

मध्य प्रदेश की झांकी 'चीता द प्राइड ऑफ इंडिया' 26 जनवरी को दिल्ली के लालकिले में एमपी का पर्चम लहराती हुई नजर आएगी। झांकी में मध्य प्रदेश में चीतों की ऐतिहासिक पुनर्स्थापना की झलक दिखेगी। प्रदेश में चीता परियोजना की सफलता के साथ अब मध्य प्रदेश 'टाइगर स्टेट' और 'चीता स्टेट' भी बन गया है। गौरतलब है कि श्योपुर जिले में कूनों नदी के किनारे स्थित राष्ट्रीय कूनो अभयारण्य देश में चीतों का एक नया घर है। अभयारण्य में चीतों के लिए उचित आहार और प्राकृतिक आवास मौजूद हैं। पुनर्स्थापना की सफल परियोजना के परिणाम स्वरूप कूनो में वयस्क और शावक सहित कुल 24 चीते अभयारण्य में मौजूद है। गणतंत्र दिवस परेड-2025 में मध्य प्रदेश की प्रस्तुत झांकी में भारत में चीतों के सफल पुनर्स्थापन को दर्शाया गया है। झांकी के मध्य भाग में बहती हुई कूनो नदी और इसके आसपास राष्ट्रीय उद्यान के वनावरण एवं प्राकृतिक आवास में विचरण करते हुए वन्य-जीव, जिनमें हिरण, बंदर, पक्षी और चीते उनकी बढ़ती हुई संख्या के साथ जैव-विविधता के लिये एक आदर्श के रूप में कूनो अभयारण्य को दर्शाया गया है। झांकी के मध्य भाग के पिछले हिस्से में पेड़ के नीचे बैठे 'चीता मित्र' स्थानीय निवासियों को चीता संरक्षण के बारे में प्रशिक्षित कर रहे हैं। झांकी के अंतिम भाग में वनकर्मी वाच-टॉवर से चीतों की निगरानी करते दिखाई दे रहे हैं, जो सफल चीता परियोजना में सक्रिय योगदान दे रहे हैं। झांकी के दोनों ओर एलईडी पेनल्स के माध्यम से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों पर केन्द्रित फिल्म को भी प्रदर्शित किया जा रहा है। झांकी के दोनों ओर नृत्य दल श्योपुर जिले का सहरिया जनजाति नृत्य 'लहंगी' करते हुए नजर आएंगे।
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