न इधर के रहे न उधर के कांग्रेस विधायक अब विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान लेंगे निर्णय,रावत और सप्रे ने नहीं दिया त्यागपत्र
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले कांग्रेस विधायकों ने अब तक अपना त्यागपत्र नहीं दिया है| राजनीतिक हल्कों में इस वक्त यह चर्चा का विषय है कि आखिर बीजेपी में जाने वाले विधायकों का आगे क्या होगा| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामनिवास रावत और निर्मला सप्रे ने सीएम मोहन यादव की सभा के दौरान भाजपा का अंग वस्त्र तो ग्रहण कर लिया और लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में जमकर चुनाव प्रचार भी किया लेकिन बात जब इस्तीफे की आई तो अब दोनों विधायक टेंशन में हैं| रामनिवास रावत ने कहा है कि सीएम से दोस्ती के कारण उन्होने अंग वस्त्र धारण कर लिया था ठीक इसी प्रकार के तर्क कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे भी दे रही हैं| जबकि इनसे पहले कांग्रेस के एक और विधायक कमलेश शाह ने भी बीजेपी का दामन थामा था लेकिन उन्होने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है और उनकी सीट को रिक्त भी घोषित कर दिया गया है|
अभी तक रावत और सप्रे पर कांग्रेस ने नहीं की कार्रवाई
मजे की बात यह भी है कि अभी तक कांग्रेस पार्टी ने बागी विधायकों के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया है| कांग्रेस पदाधिकारियों के सामने जब बागी विधायकों की बात आती है तो गुस्सा आंखों और चेहरों पर दिखाई देता है लेकिन बात जब कार्रवाई की आती है तो कांग्रेस के पदाधिकारी मौन धारण कर लेते हैं| कुछ ऐसा ही पूर्व में कांग्रेस विधायक सचिन विडला ने भी पूर्व में कांग्रेस के साथ किया था| कांग्रेस का विधायक रहते उन्होने बीजेपी का दामन थाम लिया और अपनी विधायकी भी पूरी की कांग्रेस ने उन्हे पार्टी से निकाला नहीं और वो बीजेपी के खेमे में बैठे नहीं| Mukhbirmp.com को मिली जानकारी मुताबिक कांग्रेस से बीजेपी में जाने वाले विधायकों ने अभी तक इस लिए त्यागपत्र नहीं दिया है क्योंकि वो चाहते हैं कि उन्हे भाजपा की तरफ से मंत्री बनाए जाने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त किया जाए|म
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