दो पंडितों के आगे कांग्रेस हुई पस्त,एक ने संगठन को किया मजबूत तो दूसरे ने कांग्रेस की कमर पर किया वार
इतिहास कवाह है कि देश में जब भी बड़े राजनीतिक उलटफेर हुए हैं तो उसमें पंडितों का बड़ा योगदान रहा है| कुछ ऐसा ही उलटफेर मध्यप्रदेश में भी देखने को मिला| जब भारतीय जनता पार्टी 303 सीटों से 240 सीटों पर सिमट गई तो एमपी में भारतीय जनता पार्टी ने क्लीन स्वीप कर केन्द्र में मोदी सरकार को संजीवनी देने का काम किया| इस पूरे अभियान में भारतीय जनता पार्टी के संगठन को मजबूत करने में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई| बूथों को डिजिटल करने से लेकर त्रिदेव बनाने तक सभी प्रकार के काम प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व मंर हुआ और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनके नेतृत्व में जी तोड़ मेहनत की| जब प्रदेश अध्यक्ष संगठन को मजबूत करने में जुटे थे तो सियासी गणित के महारथी पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कर यह बता दिया कि उन्होने तो अभी पारी शुरु की है| दरअसल भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पूर्व गृह मंत्री को ज्वाइनिंग कमेटी का प्रदेश संयोजक बनाया गया था और इस बात में कोई सक नहीं कि डॉ. नरोत्तम मिश्रा को जो भी जिम्मेदारी दी जाती है उसको वो पूरी क्षमता के साथ निभाते हैं| जब भाजपा के सभी नेता चुनाव प्रचार करने में जुटे थे तब पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा तोड़-फोड़ की राजनीति को अंजाम देने में जुटे थे| कांग्रेस के बड़े पदाधिकारियों से लेकर बूथ लेवल तक के सभी प्रकार के कार्यकर्ताओं को तोड़ कर भाजपा में शामिल कराते चले गए| करीब छह लाख कार्यकर्ताओं को डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भाजपा की सदस्यता दिला कर कांग्रेस की कमर तोड़ दी| डॉ. नरोत्तम मिश्रा के द्वारा चले एक दांव से कांग्रेस उबर नहीं पाती थी कि दूसरा दांव वो फिर चल देते| इसी प्रकार एक के बाद एक दांव डॉ. नरोत्तम मिश्रा चलते गए और कांग्रेस को खोंखला बनाते गए जिसके कारण कांग्रेस के पास कार्यकर्ताओं का अकाल पड़ गया और वो कार्यकर्ताओं के अभाव में ठीक से चुनाव ही नहीं लड़ पाई| जिसका नतीजा यह रहा कि मध्यप्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटें भारतीय जनता पार्टी ने पीएम मोदी की झोली में डाल दी|
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