'विंध्य' को कांग्रेस ने किया टारगेट,प्रत्येक विधानसभा में कांग्रेस के नेता कार्यकर्ताओं से करेंगे संवाद

किसी समय कांग्रेस का गढ़ कहलाने वाले विंध्य क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी खत्म हो चुकी है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी और अर्जुन सिंह की वजह से कांग्रेस पार्टी विंध्य में सबसे मजबूत हुआ करती थी। लेकिन इन नेताओं के दिवंगत होते ही विंध्य में भारतीय जनता पार्टी ने कब्जा जमा लिया है। वर्तमान में विंध्य की 30 विधानसभा सीटों में सिर्च चार सीटें कांग्रेस के पास हैं बांकी अन्य सभी सीटें भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में हैं। और यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी बत्ता से कोसों दूर है। अब जीतू पटवारी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी विंध्य क्षेत्र में पुनर्जीवित होने की कोशिश में जुट गई है। कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता 26 से 28 मार्च के बीच विंध्य में प्रवास करने जा रहे हैं जिसमें रीवा,सतना और सिंगरौली कांग्रेस के टारगेट में सबसे पहले है। इस प्रवास के दौरान कांग्रेस के नेता प्रत्येक विधानसभा सीट में 500 से 600 कार्यकर्ताओं से सीधे वन टू वन चर्चा करेंगे। कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर कांग्रेस के वरिष्ठ पार्टी की कमजोरी को बमझने का प्रयास करेंगे। इस दौरान कांग्रेस के नेता उन नेताओं के नाम भी गुप्त रुप से अपनी सूची में डालेंगे जो उन मेत्रों में प्रभावशाली भूमिका में हैं। कांग्रेस ऐसे नेताओं को उम्मीदवार के तौर पर ढूढना चाहती है जो पार्टी के बगैर खुद के दम पर भी चुनाव जीतने की क्षमता रखते हों। लिहाजा कांग्रेस पार्टी का अगले तीन दिनों तक चलने वाला मिशन 2028 का अभियान भविष्य के कांग्रेस की दिशा और दशा तय करने वाला होगा। कांग्रेस के नेता अब पिछली गलतियों से सबक लेकर भविष्य के सुधार की ओर बढ़ रहे हैं। कांग्रेस के नेता जातिवार डेटा भी तैयार कर रहे हैं और इस दौरान कांग्रेस के नेता अलग-अलग वर्गों के नेताओं की सूची भी तैयार करने वाली है जिससे हर वर्ग को कांग्रेस अपनी ओर आकर्षित कर सके।
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