भाजपा की रणनीति को 'डी-कोड' करने में जुटी कांग्रेस,वरिष्ठ नेताओं के सामने चुनाव लड़ने में घबरा रहे कांग्रेस नेता
भारतीय जनता पार्टी की दूसरी सूची (BJP Second List) ने ना सिर्फ राजनीतिक पंडितों के गणित को फेल कर दिया है बल्कि कांग्रेस के बड़े रणनीतिकारों को भी टेंशन में लाकर खड़ा कर दिया है। भाजपा की दूसरी सूची में तीन केन्द्रीय मंत्रियों सहित कुल सात सांसदों कों चुनाव मैदान में उतारा गया है। जिसमें चार नेता सीएम उम्मीदवार के रुप में भी देखे जाते हैं। सबसे पहले नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) की बात करें तो वो ग्वालियर-चंबल से पार्टी के बड़े चेहरे हैं और चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक भी हैं। महाकौशल से दो बड़े नेता प्रहलाद पटेल (Prahlad Patel) और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह (Rakesh Singh) हैं दोनों नेता पार्टी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं। मालवा की बात की जाए तो यहां से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) को पार्टी ने चुनाव मैदान में उतार कर सभी को चौंका दिया है। विंध्य से बात करें तो सतना से गणेश सिंह (Ganesh Singh) को चुनावी मैदान में उतारा गया है जिन पर कट्टर जातिवादी होने का ठप्पा भी लगा है और भाजपा का यह दांव उल्टा भी पड़ सकता है। सीधी से दो बार की सांसद रीति पाठक (Riti Pathak) को वरिष्ठ नेता केदारनाथ शुक्ला की जगह मौका दिया गया है। केदारनाथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं लेकिन इस बार पार्टी ने उनकी छुट्टी कर दी है माना यह भी जा रहा है कि केदारनाथ ने अगर बगावती तेवर अपना लिया तो रीति पाठक को चुनाव निकालना मुश्किल हो जाएगा। अब बात करते हैं भाजपा के रणनीति की। साल 2018 में भाजपा को ग्वालियर-चंबल से हार मिली थी इसी लिए 15 साल बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई। अब केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को दिमनी से चुनाव मैदान में उतार कर वहां की अलग-अलग सीटों को कवर करने की योजना है। माना जा रहा है कि सभी जगह नरेन्द्र सिंह तोमर को सीएम उम्मीदवार के रुप में प्रजेंट किया जाएगा तो आसपास की सभी सीटों का लाभ भाजपा को मिलेगा। इसी प्रकार महाकौशल से राकेश सिंह और प्रहलाद पटेल को भी सीएम कैंडीडेट के रुप में प्रजेंट किया जाएगा तो आसपास की सभी सीटों में भाजपा को फायदा होगा। ठीक इसी प्रकार मालवा से कैलाश विजयवर्गीय को चुनाव मैदान में उतार कर महाकौशल को साधने की रणनीति तैयार की गई है। केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते (Faggan Singh Kulaste) को भी चुनाव मैदान में उतार दिया गया है और वो भाजपा की तरफ से बड़ा आदिवासी चेहरा माने जाते हैं। भाजपा की इस रणनीति को अब कांग्रेस 'डी-कोड' करने में जुट गई है। दरअसल ये वो सीटें हैं जहां पर भाजपा को हार मिली थी और इन सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। इन हारी हुई सीटों को भाजपा ने आकांक्षी सीटों का नाम दिया था इसी लिए भाजपा ने इन हारी हुई सीटों पर पहले उम्मीदवारों का ऐलान किया है। अभी तक भाजपा 79 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के कद्दावर नेताओं के चुनाव मैदान में उतरने से कांग्रेस खेमें में हलचल मच गई है। केन्द्रीय मंत्रियों के खिलाफ लड़ने की कांग्रेस नेता हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। फिलहाल कांग्रेस की दिल्ली में लगातार बैठक जारी है और माना जा रहा है कि भाजपा की गुत्थी को सुलझाने के लिए कांग्रेस के रणनीतिकार लगातार लगे हुए हैं।
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