लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार की कांग्रेस में दिखी खीझ,नर्सिंग मामले में पर्याप्त चर्चा के बाद भी विपक्ष ने सदन में जमकर किया हंगामा

पांच दिनों तक चले मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की समीक्षा करें तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी पराजय की झलक विधानसभा में देखने को मिली| कांग्रेस जिस नर्सिंग घोटाले पर सरकार को घेरना चाहती थी उस पर चर्चा का पर्याप्त समय मिला लेकिन फिर भी विपक्ष ने बजट भाषण के दौरान पूरे समय हंगामा किया| ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस नेता चुनावी पराजय के बाद विधानसभा में हंगामा कर केन्द्रीय नेतृत्व के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड सुधारने का प्रयास कर रहे हैं| मानसून सत्र में पहले दिन से ही पिपक्ष ने शोर-शराबा किया| वहिर्गमन भी किया| नर्सिंग कालेजों में हुए फर्जीवाड़े पर ध्यानाकर्षण में चार घंटे की चर्चा के बाद भी विपक्ष चर्चा कराने पर अड़ा रहा| तीन जुलाई को प्रस्तुत किए बजट को लेकर गुरुवार और शुक्रवार को सदन में चर्चा हुई| इस दौरान सदन में विपक्ष ने कर्ज का बोझ,भ्रष्टाचार,मंहगाई,कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा| बजट पर चर्चा के लिए दोनों दिन बैठकों का समय बढ़ाया गया| गुरुवार को तो रात दस बजे तक सदन चला| दूसरी तरफ विपक्ष के आक्रामक रुख के बाद भी विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कभी आपा नहीं खोया| उन्होने विपक्ष के सदस्यों को बोलने के लिए पर्याप्त अवसर दिया| विधानसभा,राज्यसभा और लोकसभा का उनका अनुभव विपक्ष को साधने और शांति से सदन को चलाने में काम आया| बजट पर कांग्रेस के हंगामे के बावजूद स्पीकर ने विपक्ष के खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्ताव को पारित करने से परहेज किया|
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