कांग्रेस छोड़ बीजेपी में गए विधायकों के खिलाफ विस सचिवालय में आवेदन करेगी कांग्रेस,रावत और सप्रे के खिलाफ होगी शिकायत
कांग्रेस के जो विधायक पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए हैं उनके खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने आक्रामक रुख अपना लिया है| गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामनिवास रावत और निर्मला सप्रे ने लोकसभा चुनाव के दौरान ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी| लिहाजा अब भाजपा विधायक दल ने उनके खिलाफ विधानसभा सचिवालय में शिकायत करने की योजना तैयार की है जिससे उनकी विधायकी को खत्म किया जा सके जबकि अभी तक दोनों ही विधायकों ने पार्टी छोड़ने के बाद अभी तक विधायकी से अपना इस्तीफा नहीं दिया है| हांलाकि इसके कानूनी पहलू पर जाएं तो विधायकी खत्म करना इतना आसान नहीं है| इसके पहले भी कांग्रेस विधायक सचिन बिरला के विरुद्ध आवेदन किया गया था लेकिन यह सिद्ध नहीं हो पाया था कि उन्होने भाजपा की सदस्यता ले ली है| गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के बाद बड़े स्तर पर प्रदेश में दलबदल हुआ है कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता पार्टी का साथ छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए हैं| इनमें तीन विधायक भी शामिल हैं| छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने तो पहले विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया फिर भाजपा की सदस्यता ली| विधानसभा सचिवालय ने उनकी सीट भी रिक्त कर दी है| चंबल अंचल में खासा प्रभाव रखने वाले और कांग्रेस के छह बार के विधायक रामनिवास रावत और मुरैना महापौर शारदा सोलंकी ने अपने समर्थकों के साथ 30 अप्रैल को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ले ली| मुख्यमंत्री के साथ रोड-शो भी किया लेकिन त्यागपत्र नहीं दिया| अब कांग्रेस पार्टी का साफ कहना है कि जो लोक कांग्रेस के सिंबल में चुनाव लड़े और जीते उन्हे पद में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है लिहाजा उन्हे अपना त्यागपत्र देना चाहिए नहीं तो पार्टी कानूनी प्रक्रिया के तहत उनके पद को खत्म करने का प्रयास करेगी|
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