भाजपा के रास्ते चलेगी कांग्रेस,तीन साल में बदले जाएंगे जिला और ब्लाक अध्यक्ष,50 की उम्र वाले बनेंगे पदाधिकारी
विजयपुर में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद अब मप्र कांग्रेस को संजीवनी मिल गई है। इतना ही नहीं कांग्रेस को मालूम हो गया है कि लोहे को लोहा ही काटता है लिहाजा भाजपा से टक्कर लेनी है तो भाजपा जैसा ही बनना होगा। इसी लिए मप्र कांग्रेस कमेटी की तरफ से संगठन को मजबूत करने के लिए ठोस रणनीति पर काम शुरु हो गया है। कांग्रेस अब अपनी जिला और ब्लाक इकाइयों में बड़ा फेरबदल कर युवाओं को सामने लाने की योजना तैयार कर रही है। कांग्रेस ने जिस प्रकार से रणनीति तैयार की है उसके तहत जिला और ब्लाक इकाइयों के अध्यक्ष प्रत्येक तीन साल में बदल दिए जाएंगे। दोबारा काम करने का मौका सिर्फ उसी को मिलेगा जिसकी परफार्मेंस अच्छी रहेगी। इस योजना को धरातल में उतारने के लिए जिला प्रभारी आवंटित जिलों का एक महीने के अंदर दौरा करेंगे और प्रदेश नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे जिसके आधार पर 50 प्रतिशत जिला और ब्लाक इकाइयों में परिवर्तन किया जाएगा। गौरतलब है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार का कारण संगठन की कमजोरी को ही माना गया लिहाजा अब कांग्रेस पार्टी उसी कमजोरी को मजबूती में तब्दील करने की कोशिशों में जुट गई है। रिपोर्ट के मुताबिक जिला और ब्लाक कमेटी के पदाधिकारी चुनाव के दौरान अधिकतर निस्क्रृय रहे हैं जिसके कारण कांग्रेस को दुर्गति का सामना करना पड़ा है। इसी लिए परिस्थितियों को बदलने और कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए संगठन के पुनर्गठन पर फोकस किया जा रहा है। कांग्रेस राजनीति मामलों की समिति ने जिला और ब्लाक इकाइयों को सक्रिय करने के लिए दो तरह के सुझाव दिए थे। जिसे प्रदेश नेतृत्व ने स्वीकार किया है। इसमें पहला सुझाव ये था कि पार्टी के कार्यक्रम भोपाल के बजाय जिला य ब्लाक में किए जाएं। दूसरा सुझाव ये था कि जिला और ब्लाक के पदाधिकारियों का कार्यकाल तीन साल से ऊपर न हो। उसके अलावा युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने की बात कही गई है। जिसकी शुरुआत प्रदेश कार्यसमिति की तरफ से की जा चुकी है।
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