संविदा एवं ठेका श्रमिक कर्मचारी संघ इंटक ने दिया ज्ञापन,वेतन वृद्धि का आदेश जारी नहीं होने के कारण दिया ज्ञापन

Aug 1, 2024 - 08:04
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संविदा एवं ठेका श्रमिक कर्मचारी संघ इंटक ने दिया ज्ञापन,वेतन वृद्धि का आदेश जारी नहीं होने के कारण दिया ज्ञापन

मध्य प्रदेश संविदा एवं ठेका श्रमिक कर्मचारी संघ इंटक के प्रदेश अध्यक्ष एल.के. दुबे के कुशल नेतृत्व मे श्रमायुक्त मध्य प्रदेश शासन इंदौर को संबोधित सहायक श्रमायुक्त मध्य प्रदेश भोपाल मे रामराज तिवारी (प्रदेश महामंत्री मध्य प्रदेश इंटक) के मार्गदर्शन एवं संजय तिवारी (अध्यक्ष मध्यप्रदेश संविदा एवं ठेका श्रमिक कर्मचारी संघ इंटक शाखा भोपाल )के नेतृत्व मे ज्ञापन दिया गया जिसमे शैकड़ो कर्मचारी उपस्थित रहे । संगठन यह संज्ञान लाना चाहता है कि ठेका श्रमिकों का न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 की धारा 3 के तहत प्रति पांच वर्ष में वेतन पुनिरीक्षण करने का प्रावधान है लेकिन मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा विगत 10 वर्षों से न्यूनतम वेतन वृद्धि का आदेश जारी नही किया गया था जिसको लेकर संगठन लगातार पत्राचार , ज्ञापन, धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार का ध्यानाकर्षण कर रहा था  तब जाकर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए माननीय मुख्यमंत्री मोहन यादव जी ने ग्वालियर में ही श्रमिकों के न्यूनतम वेतन वृद्धि की घोषणा की थी | तत्पश्चात श्रम विभाग बल्लभ भवन के आदेश क्रमांक 68 दिनांक 04.03.2024 (राजपत्र) के आदेश के तारतम्य परिपालन में श्रमायुक्त मध्य प्रदेश शासन इन्दौर के द्वारा आदेश क्रमांक 8621- 870 दिनांक 13.03.2024 द्वारा मध्य प्रदेश शासन के अधीनस्थ कार्यालयों / संस्थाओं में कार्यरत ठेका श्रमिकों एवं अन्य श्रमिकों का न्यूनतम वेतन वृद्धि हेतु आदेश जारी किया गया था। जोकि अप्रैल 2024 से दिया गया था| चुनाव के बाद उद्योग पतियों द्वारा उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में वेतन वृद्धि रोकने हेतु याचिका दायर की गई , जिस पर हाईकोर्ट इंदौर द्वारा न्यूनतम वेतन वृद्धि पर स्थगन दिया गया था किन्तु अंतिम निर्णय नहीं दिया गया  था | उच्च न्यायलय की आड़ में उद्योग पतियों से मिलकर श्रमायुक्त मध्य प्रदेश शासन द्वारा आदेश क्रमांक 15817/16066 दिनांक 24.05.2024 द्वारा वेतन कम करने हेतु पुनः आदेश जारी कर श्रमिकों के वेतन से कटोत्रा किया गया जोकि न्यायोचित नही है। यही कारण है कि मध्य प्रदेश संविदा एवं ठेका श्रमिक कर्मचारी संघ इंटक श्रमायुक्त मध्य प्रदेश शासन के इस आदेश का विरोध करते हुए न्यूनतम वेतन कम करने के आदेश को न्यायलय के अंतिम निर्णय आने तक  प्रदेश के श्रमिकों के हित में निरस्त करने की मांग की गई है |

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