संविदा स्वास्थ्य कर्मी सरकार के खिलाफ करेंगे बड़ा आंदोलन,आर-पार की लड़ाई लड़ मांगेंगे अपना अधिकार

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 32,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मी सरकार के फैसलों से नाराज हैं। दरअसल तत्कालीन शिवराज सरकार ने संविदा स्वास्थ्य कर्मियों से जो वादा किया था उसे वर्तमान की मोहन सरकार ने पूरा नहीं किया है। उल्टे पूर्व सीएम की घोषणा को वर्तमान सरकार ने रद्द कर पुरानी व्यवस्था को स्थाई रखने का निर्देश दिया जिसके बाद संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को अपनी नौकरी में अस्थिरता दिखने लगी है लिहाजा अब संविदा स्वास्थ्य कर्मियों से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की योजना तैयार कर ली है। हांलाकि आंशिक रुप से कर्मचारियों का आंदोलन दो अप्रैल से ही शुरु हो गया है जो अलग-अलग तरीके से किया जा रहा है। सरकार के पास संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने कई बार अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश की लेकिन सरकार ने उनकी मांगो पर ध्यान नहीं दिया लिहाजा अब सुविधाओं में कटौती से खफा इन कर्मियों ने 21 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। संघ के मुताबिक, 23 जुलाई 2023 को सामान्य प्रशासन विभाग ने संविदा कर्मचारियों के लिए नीति बनाई थी, लेकिन NHM भोपाल ने इसमें कटौती कर दी। इससे कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है। गौरतलब है कि 23 मार्च 2025 को भोपाल स्थित ठेंगड़ी भवन में कर्मचारियों की महाबैठक हुई, जिसमें प्रदेश कार्यकारिणी और सभी जिलाध्यक्षों ने सर्वसम्मति से आंदोलन का निर्णय लिया। अब सवाल उठता है कि सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाएगी। अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो 21 अप्रैल से प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो सकती हैं।
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