संविदा कर्मियों को मिलेगा सातवां वेतनमान,दस हजार के पारिश्रमिक पर होगा तीन हजार रुपये का फायदा
मप्र की सरकार पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के दो हजार संविदा कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का रास्ता खुल रहा है| इन कर्मचारियों को अब नियमित कर्मचारियों की तरह ही माना जाएगा और उन्हे मिलने वाली कुछ सुविधाएं भी मिलेंगी| तब तक सातवां वेतनमान देने की प्रक्रिया पूरी हो,तब तक कर्मचारियों को मंहगाई अन्य भत्ते जोड़कर पारिश्रमिक देने के लिए कहा गया है| इसमें दस हजार रुपये पर तीन हजार रुपये का फायदा होगा| संविदा कर्मचारियों को अभी श्रम विभाग के नियम के अनुसार पारिश्रमिक दिया जाता है| उन्हे हर साल तीन दिन के लिए छुट्टी पर भेज दिया जाता है इसके बाद नए सिरे से बांड भरवाया जाता है| सरकारी भर्तियों के दौरान तो यह देखा जाता है कि किसने-कितने दिन काम किया है| लेकिन विभागीय वरिष्ठता की गणना नहीं होती है,लेकिन अब इन्हे नियमित किया जा रहा है| यानि हर साल बांड नहीं भरना पड़ेगा| जितने साल काम किया उतने साल की वरिष्ठता मानी जाएगी| इसके अलावा उन्हे सातवें वेतनमान के बराबर पारिश्रमिक देने की तैयारी भी हो रही है| हांलाकि इसके लिए कमेटी नहीं बनी है अप्रैल 2018 से पहले नियुक्त संविदा कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता देने की तैयारी कर ली गई है| संविदा कर्मचारियों की सेवा शर्तों को लेकर बनाए गए नियमों को बिजली कंपनी ने लागू कर दिया है| इसमें 2018 के बाद से ही भत्ता कर्मचारियों को मिलेगा| 2019-20 के लिए मूल पारिश्रमिक पर 7.69 फीसदी,2020-21 के लिए 5.16 फीसदी,2021-22 के लिए 5.94वे फीसदी और 2023-24 के लिए 3.77 फीसदी भत्ता जोड़ा जाएगा| यह भत्ता जुड़ने के बाद अगले साल का मूल पारिश्रमिक वही माना जाएगा| इसके बाद अगले साल के लिए इस पारिश्रमिक पर भत्ते की गणना की जाएगी| इस तरह यदि किसी कर्मचारी का पारिश्रमिक 2018 में 10 हजार रुपये था तो उसे 2024 में करीब 13 हजार मिलेंगे| हांलाकि 2019 से अब तक का भत्ता एरियर के रुप में कर्मचारियों को दिया जाएगा| बिजली कंपनी के सीजीएम रिंकेश कुमार वैश्य ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिया है|
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