कांग्रेस के पराजित प्रत्याशियों ने कमजोर संगठन और रणनीतिक कमजोरी के साथ चुनाव प्रचार के लिए समय नहीं मिलने के लिए बताया हार का कारण
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी एकबार फिर अपनी हार पर मंथन कर रही है| कांग्रेस का पिछला मंथन जून के महीने में हुआ था जब तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने भोपाल आकर लोकसभा प्रत्याशियों के साथ हार की समीक्षा की थी| शनिवार से दो दिनों तक चल रहे इस मंथन में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के हारे प्रत्याशियों के साथ एक-एक कर प्रतिक्रिया ली है| इस मंथन के दौरान कांग्रेस के प्रत्याशियों ने बराजित होने का बड़ा कारण कमजोर संगठन,रणनीति और प्रचार के लिए कम समय मिलने का कारण बताया है| इसके साथ कांग्रेस उम्मीदवारों ने हार के बड़े कारणों में भितरघात को भी बताया है| प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित दो दिवसीय मंथन में प्रदेश प्रभारी जितेन्द्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार शामिल हुए| कांग्रेस कार्यालय में हुई बैठक में संभागवार उम्मीदवारों को एक-एक कर बुलाया गया और उनसे चुनाव की हार पर चर्चा की गई| चर्चा के दौरान यह बात भी निकल कर सामने आई कि कांग्रेस का संगठन जनता तक नहीं पहुंच पाया| गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में करारी हार के कारणों का पता लगाने के साथ ही अगले चुनावों के लिए रणनीति भी बनाने की तैयारी कर रही है| इस बैठक के दौरान संगठन को मजबूत करने के लिए प्रत्याशियों से लिखित में संगठन को मजबूत करने के लिए सलाह भी मंगी जा रही है| इसके लिए पार्टी की तरफ से बकायदा एक फार्म भी दिया गया था| जिसमें चुनाव के दौरान संगठन की भूमिका के बारे में प्रश्न पूछे गए थे जिसमें वर्तमान में संगठन की स्थिति,विधानसभा और लोकसभा चुनाव में युवा कांग्रेस,महिला कांग्रेस,सेवादल,एनएसयूआई की भूमिका,मंडलम सेक्टर,बूथ अध्यक्षों का योगदान,प्रदेश में सपा,बसपा और अन्य दलों की स्थिति दोनों चुनाव में जिला और ब्लाक अध्यक्षों की भूमिका,दोनों चुनाव के प्रमुख कारण जानने के साथ ही पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए सुझाव मांगे गए| कुछ सदस्यों ने यह सलाह भी दी है कि नीचे से ऊपर की ओर संगठन में नियुक्तियां की जाएं| पहले ब्लाक फिर जिला और बाद में प्रदेश स्तर में नियुक्तियां की जाएं|
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