2024 के बाद देश में नहीं बचेगा लोकतंत्र,'130 सीटों पर भाजपा ने की EVM की सेटिंग'
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (digvijaya singh) ने निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर दिया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि निर्वाचन आयोग मोदी और अमित शाह के दबाव में काम कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान गुजरात के अतुल पटेल को बुलाया था जो ईवीएम (evm hacking) के स्पेशलिष्ट हैं। अतुल पटेल ने डेमो दिखाते हुए बताया कि किस प्रकार से आपकी वोटिंग पर डाका डाला जा रहा है। दिग्विजय सिंह ने कर्नाटक और तेलंगाना का जिक्र करते हुए कहा कि जहां पर भाजपा का इंट्रेस्ट नहीं होता और पोल खुलने का डर रहता है वहां पर भाजपा किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं करती है। दिग्विजय सिंह ने दावा करते हुए कहा कि भाजपा को मालूम था कि वो एमपी में चुनाव हारने वाली है। यहां तक कि मीडिया रिपोट के मुताबिक भी भाजपा चुनाव हार रही थी फिर इतना बड़ा बदलाव कैसे। पूर्व मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना का जिक्र भी किया और कहा कि उससे कुछ हद तक भाजपा को फायदा हुआ है लेकिन इतना फायदा नहीं हुआ था कि भाजपा की सरकार बन जाती। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अमित शाह को पहले ही पता चल गया था कि एमपी में इस बार भाजपा की सरकार नहीं आने वाली है इसी लिए पहले उन्होने दो केन्द्रीय मंत्रियों को एमपी में बैठाया और शिवराज सिंह चौहान को ठिकाने लगाया फिर खुद एमपी में अमित शाह ने दर-दर की ठोकरें खाई और फिर करीब 120-130 सीटों में गड़बड़ी कर पूरे चुनावी नतीजे को बदल कर रख दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मोदी ने पहली बार कहा था कि हमारी पूर्ण बहुमत से सरकार आएगी तब 282 सीट आई और फिर कहा कि इस बार 300 पार तो 303 सीट आई। और अब कह रहे हैं कि अबकी बार 400 पार। इतना आत्मविश्वास कैसे हो सकता है। फिर बात करेंगे राम लला कि क्या राम लला के नाम पर वोटों का प्रतिशत इतना बढ़ जाता है। बिहार का जिक्र करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि वहां पर लालू कि पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी जबकि उनकी पार्टी का अपना एक वोट बैंक है। नीतीश की पार्टी को सीटें मिली क्योंकि उनसे साठ -गाठ थी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो 2003 से आरोप लगा रहे हैं कि ईवीएम में गड़बड़ है तब कोई नहीं मानता था और अब धीरे-धीरे सब मानने लगे हैं कि कुछ तो गड़बड़ है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वो इस बात को जनता के बीच लेकर जाएंगे उनका कोई साथ दे या न दे। देश में चुनाव बैलेट पेपर से होना चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो 2024 के बाद देश में लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। साथ ही दिग्विजय सिंह ने कहा कि जो वोट देने वाले लोग हैं उन्हे पता होना चाहिए कि उन्होने जिसको वोट दिया है तो मिला य नहीं मिला है।
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