कांग्रेस में 'डिमोशन' पॉलिटिक्स से उपचुनाव में पड़ेगा असर, बनाने के चक्कर में और बिगड़ी बात
कांग्रेस पार्टी में 'डिमोशन' पॉलिटिक्स के कारण बात बनने के बजाय बिगड़ने लगी है। लिस्ट जारी होते ही बगावत का बिगुल बज गया है। नेता पद लेने से मना कर रहे है। इसका असर दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर पड़ सकता है।मचे घमासान पर भाजपा हमलावर हो गई है। जीतू पटवारी ने आनन-फ़नान में दूसरी लिस्ट जारी की लेकिन वह भी उनके लिए गले की फांस बन गई है। जीतू पटवारी ने मंगलवार को देर रात लिस्ट जारी की और बुधवार को सुबह से इस्तीफे की झड़ी लग गई। दरअसल दूसरी लिस्ट में नेताओं को मनाने के चक्कर में टीम में शामिल तो किया गया लेकिन नेताओं का कहना है कि उनका डिमोशन कर दिया गया है। जनरल सेक्रेटरी रहे नेता को सहायक सचिव बना दिया गया। कांग्रेस में मचे घमासान का फायदा इधर भाजपा भी लेना शुरू कर दिया है। भाजपा नेताओं ने जीतू पटवारी पर जमकर हमला बोला है। जहां एक तरफ उपचुनाव हो रहे हैं वहीं कांग्रेस में जारी बगावत का असर उपचुनाव में भी पड़ सकता है।भोपाल कांग्रेस के पूर्व शहर अध्यक्ष प्रदीप सक्सेना मोनू ने सचिव पद को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। मुरैना जिले के कांग्रेस नेता रामलखन दंडोतिया ने संयुक्त सचिव बनाए जाने से नाराज होकर पद लेने से मना कर दिया। वही जीतू पटवारी के गृह जिले इंदौर सचिव बनाए गए अमन बजाज ने पद लेने से मना कर दिया है। पहली सूची में इंदौर से प्रमोद टंडन ने इस्तीफा दे दिया था। पीसीसी की दूसरी लिस्ट जारी हुई जिसमें 25 सदस्यीय पीएसी समेत 84 सचिव और 36 संयुक्त सचिव नियुक्त किए गए हैं। पीएसी में कमलनाथ, नकुलनाथ के साथ ही दिग्विजय सिंह को भी शामिल किया गया है। पहली लिस्ट में कुल 177 पदाधिकारी घोषित किए गए थे। दूसरी लिस्ट में कुल 158 पदाधिकारी बनाए गए हैं। दोनों सूचियों को मिलाकर अब एमपी कांग्रेस कमेटी में 335 पदाधिकारी हो गए हैं।
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