मप्र कांग्रेस में डिनर डिप्लोमैसी का दौर,अध्यक्ष जीतू पटवारी की बढ़ रही मुस्किलें

Dec 18, 2024 - 08:03
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मप्र कांग्रेस में डिनर डिप्लोमैसी का दौर,अध्यक्ष जीतू पटवारी की बढ़ रही मुस्किलें

मप्र कांग्रेस में बाहर से तो सबकुछ ठीक दिख रहा है लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को लेकर कांग्रेस नेताओं में अब तक स्वीकार्यता नहीं हो पाई है। जिसकी बानगी समय-समय पर देखने को मिलती रहती है। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी के नेतृत्व में एक बड़े शक्ति प्रदर्शन की रुप रेखा तैयार की गई थी और विधानसभा घेराव का ऐलान किया गया था। 16 दिसंबर को जब शक्ति प्रदर्शन का दिन आया तो प्रदर्शन में कुछ गिने-चुने लोग पहुंचे जिसके चलते सभा स्थल से ही प्रदर्शन को रद्द कर दिया गया जबकि ऐलान विधानसभा घेराव का किया गया था। अब जीतू पटवारी को चरण बद्ध तरीके से घेरने के लिए कांग्रेस में डिनर डिप्लोमैसी का दौर चल पड़ा है। पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधायक दल की बैठक के बहाने विधायकों को डिनर पर बुलाया उसके बाद पूर्व सीएम कमलनाथ के निवास पर कांग्रेस विधायकों और पदाधिकारियों को डिनर पर बुलाया गया। उसके बाद हद तो तब हो गई जब नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मंगलवार रात को हारे हुए नेताओं को डिनर पर बुलाया। ये सब वही पूर्व विधायक और पदाधिकारी हैं जो प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी से किसी न किसी बात को लेकर नाराज हैं। कई नेताओं ने तो प्रदेश अध्यक्ष की कार्यकुशलता पर प्रश्नचिन्ह भी लगाया है जिसके कारण वो पार्टी में अलग-थलग चल रहे थे। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार द्वारा इन सभी नेताओं को डिनर पर बुलाने का साफ मतलब है कि कांग्रेस में कुछ तो बड़ा चल रहा है जिसकी भनक प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को नहीं लग पा रही है। हांलाकि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मंगलवार को भाजपा की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सीएम यादव सरकार की गुटवाजी रोकने में नाकाम हो रहे हैं और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भाजपा के संगठन की गुटवाजी रोकने में नाकाम हो रहे हैं। ऐसा लगता है कि नेता प्रतिपक्ष अपनी पार्टी की बात भाजपा का नाम लेकर कर रहे थे क्योंकि जिस प्रकार से गुटवाजी कांग्रेस में देखने को मिल रही है उससे यह साफ है कि आने वाले समय में कुछ बड़ा होने वाला है। गौरतलब है कि जब से कांग्रेस पार्टी विजयपुर का चुनाव जीती है तबसे अध्यक्ष जीतू पटवारी के पैर जमीन पर नहीं पड़ रहे हैं। ऐसे में पार्टी के अन्य नेताओं को भी इस बात का अहसास हो रहा है कि एक जीत से कांग्रेस अध्यक्ष का ग्राफ कहीं मजबूत न हो जाए लिहाजा कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी में और मजबूत छवि बनाएं उसके पहले उनका खेल खत्म करना जरुरी है।

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