दिल्ली फतह में डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका,प्रभार वाली सभी सीटें जीती भाजपा,40 से अधिक की थी सभाएं

यूं ही नहीं कोई संकटमोचक बनता। जहां सबकी सोच खत्म होती है वहीं से डॉ. नरोत्तम मिश्रा की सोच शुरु होती है। केजरीवाल के किले को ध्वस्त करना आम बात नहीं थी। और यही कारण था कि भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने अपने सबसे कुशल संगठनकार एमपी के पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को करीब एक दर्जन विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी सौंपी। जिसकी पूर्व गृह मंत्री ने पूरी शिद्दत के साथ मेहनत कर न सिर्फ सभाएं की बल्कि निराशा के सागर में डूबे भाजपा के कार्यकर्ताओं का जीत के प्रति मनोबल बढ़ाया बल्कि उन्हे यह अहसास कराया कि केजरीवाल को हराना संभव है। पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा दिल्ली की गलियों में उतर पड़े,कार्यकर्ताओं के बीच सभाएं ली। इस बीच उन्होने अपने प्रभार वाली विधानसभा सीटों में 40 से अधिक सभाओं को संबोधित किया और 100 से अधिक छोटी-बड़ी बैठकें ली। कुशल चुनाव रणनीति का परिणाम रहा कि आम आदमी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाली पालम, राजेन्द्र नगर सहित सभी विधान सभाओं में भाजपा ने बाजी पलटते हुई जीत दर्ज की। गौरतलब है की चुनाव तारीख घोषित होने के बाद डॉ. मिश्रा एक माह से अधिक समय तक दिल्ली में ही डटे रहे। दिल्ली में भाजपा की जीत से उत्साहित पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि यह जीत जन जन का प्रधानमंत्री मोदी पर विश्वास है। यह जीत अमित शाह जेपी नड्डा के परिश्रम मार्गदशन और कुशल रणनीति का परिणाम है। यह जीत राष्ट्र वादियों और राम भक्तों की है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि दिल्ली चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत से सरकार बना रही है। चुनाव परिणाम ने बता दिया है कि दिल्ली की जनता ने झूठ, भ्रम व तुस्टीकरण की राजनीति करने वालो कों नकार दिया है।भ्रष्टाचार का शीशमहल बनाने वालों को दिल्ली की जनता ने सत्ता के सिंघासन से उतार कर ऐसे लोगों को सबक दिया है जो झूठ , तुष्टिकरण, समाज बटवारे कि राजनीति करते हैं।
उन्होंने कहा कि मैने तो पहले ही कहा था कि काठ की हांडी बार बार नही चढ़ती। दिल्ली एक दशक से अधिक समय बाद 'आप दा' से मुक्त हुई है। कांग्रेस तो पहले ही लड़ाई से बाहर थी दिल्ली की जनता ने उसे विपक्ष के लायक भी नही समझा और उसे डबल जीरो पर खड़ा कर दिया। जातिगत जनगणना के नाम पर समाज तोड़ने वालों को दिल्ली की जनता ने पूरी तरह नकार दिया। दिल्ली में अब नया सूरज उदय हुआ है। इससे पूर्व डॉ. मिश्रा को महाराष्ट्र चुनाव में भी एक दर्जन विधानसभाओं कि जिम्मेदारी संगठन ने दी थी जिसमे 11 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी।
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