मराठों के बीच गोंदिया के भंडारा में गरजे डॉ. नरोत्तम मिश्रा,अति आत्मविश्वास से बचने की दी सलाह
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्लस्टर के प्रभारी बनाए गए पूर्व गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज सोमवार को अपने प्रवास के दूसरे दिन महाराष्ट्र के गोरेगांव एवं तिरोडा विधानसभा के प्रमुख कार्यकर्ता एंव सामान्य कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित किया । बैठक में डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने चुनाव तैयारियों की समीक्षा करते हुए। कार्यकर्ताओं से अति आत्मविश्वास से बचने की सलाह दी। बैठक में स्थानीय भाजपा नेता अनिल सोले, प्रकाश मंडोले, प्रदीप पडोले, आशीष बांदिले भी मौजूद उपस्थित थे। बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. मिश्रा ने कहा कि जीत का आत्मविश्वास होना चाहिए लेकिन अतिआत्मविश्वास से बचना चाहिए। इतिहास गवाह है कि अतिआत्मविश्वास हमेशा घातक सिद्ध हुआ है। पूर्व गृह मंत्री ने अहमद शाह अब्दाली और मराठा सरदार सदाशिव भाऊ पेशवा के बीच हुए पानीपत के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि सदाशिव भाऊ पेशवा के नेतृत्व में मराठा वीरता से लड़े थे। मराठा लगभग जीत ही गए थे लेकिन जीत के प्रति अतिआत्मविश्वास होते ही सदा शिव भाऊ अपने घायल सैनिकों को देखने चलते युद्ध में अपने होदे अर्थात हाथी से नीचे उतर गए। मराठा सैनिको ने जब सदा शिव भाऊ को होदे में नही देखा तो उनमें भगदड़ मच गई। सैनिकों को लगा कि या तो सदाशिव भाऊ पेशवा मार दिए गए या बंदी बना लिए गए।
मराठा सैनिको में भगदड़ मचते ही मुगल सैनिक हावी हो गए। और मराठा जीता हुआ युद्ध हार गए। एक गलती से मुगल देश मे स्थापित हो गए। मराठा अगर वह युद्ध नही हारते तो आज देश का इतिहास ही कुछ और होता।
डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इसी अतिआत्मविश्वास का नुकसान आप सबने यहां हाल में ही हुए लोकसभा चुनाव में भी देखा है।महाराष्ट्र में पार्टी को चुनाव में वह अपेक्षित परिणाम नही मिल सके जो मिलने चाहिए थे।
इसलिए अब विधानसभा चुनाव में हमें यह गलती नही दोहरानी है। आप सब प्राण प्रण से जीत के लिये जुट जाए। यहां भाजपा की सरकार बनाने के लिए अभी से दिन रात एक कर दें।
डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आप लोगों को घर- घर जाकर बताएं कि यह चुनाव केवल सरकार बनाने के लिए नही है बल्कि देश का भविष्य तय करने वाला चुनाव है। भारत विश्वगुरू तभी बन सकेगा जब आप सभी भाजपा को यहां जिताकर केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी को मजबूत करेंगे।यह चुनाव राष्ट्रवादी व राष्ट्रविरोधी मानसिकता के बीच है जो हमे हर हालत में जीतना है।
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