INDORE NEWS: इंदौर 'बम' धमाके की गूंज पहुंची दिल्ली,केन्द्रीय नेत्रृत्व ने कांग्रेस नेताओं से मांगी रिपोर्ट,जीतू की बढ़ेंगी मुस्किलें
इंदौर में कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम ने ऐन मौके पर अपना नामांकन वापस कर न सिर्फ एमपी कांग्रेस के नेताओं को हैरान किया बल्कि उसकी गूंज दिल्ली तक पहुंच गई Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी इस पूरे मामले में सवालों के घेरे में हैं। नामांकन वापसी के मामले को लेकर कांग्रेस का केन्द्रीय नेत्रृत्व गंभीर हो गया है। पूरे मामले की सच्चाई जानने के लिए कांग्रेस के केन्द्रीय नेत्रृत्व ने एमपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से रिपोर्ट तलब की है। पता चला है कि इंदौर से शुरू हुई जांच का लाभ उठाकर कई उम्मीदवारों ने भी दिल्ली को शिकायत भेजी है। इसमें प्रदेश के संगठन से सहयोग नहीं मिलने की बात भी कही गई है। इंदौर में कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार के नामांकन वापस लेकर दल बदल करने से कांग्रेस की पूरे प्रदेश में किरकिरी हो रही है। इंदौर में तो इतिहास में पहला मौका आया है जब कांग्रेस चुनाव मैदान से ही विलुप्त हो गई है।
Mukhbirmp.com के अनुसार कांग्रेस के नेताओं की ओर से दिल्ली भेजी गई प्रारंभिक जानकारी में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के साथ संगठन की नाकामी को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेसियों ने केंद्रीय नेतृत्व से यह भी कहा है कि पटवारी अपने गृह क्षेत्र में ही चुनाव को लेकर गंभीर नहीं थे। इस बीच प्रदेश में कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ रहे कई उम्मीदवारों ने भी संगठन को लेकर शिकायत दिल्ली भेज दी है। इंदौर में उम्मीदवार चयन और नामांकन को लेकर भी प्रदेश अध्यक्ष की सोच पर सवाल उठने लगे हैं। दिल्ली तक फीडबैक भेजा है कि खजुराहो में गठबंधन के उम्मीदवार का पर्चा निरस्त होने के बाद प्रदेश में अन्य जगह भी ऐसा होने की आशंका थी। इसके बाद तय हुआ था कि कांग्रेस न केवल दमदार उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी, लेकिन उतने दमदार उम्मीदवारों को डमी उम्मीदवार के तौर पर भी खड़ा करेगी। मजे की बात यह है कि दल बदल के मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी अब भी अक्षय बम पर तीखे हमले करने से बच रहे हैं। नामांकन वापस लेने के पीछे की पूरी कहानी अब भी पर्दे में है। इस बीच दिल्ली तक कांग्रेसियों ने ही खबर भेजी है कि जीतू पटवारी चाहते तो दिग्विजय सिंह की तरह इंदौर से खुद चुनाव मैदान में उतरते। हालांकि उन्होंने उम्मीदवारी से किनारा किया। ऐसे उम्मीदवार को चुना गया, जिस पर विधानसभा चुनाव के पहले ही एक मामले में किसी पक्ष से दबाव बन चुका था।
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