विंध्य की राजधानी का चुनावी सर्वे: क्या कहता है विंध्य,अबकी बार किसकी सरकार...
मप्र में विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीति पूरे शबाब पर है (MP Elections)। विंध्य में हर व्यक्ति यही बात कर रहा है अबकी बार किसकी सरकार। विंध्य की तासीर भी ऐसी है कि वहां का एक छोटा सा बच्चा भी राजनीति की बात करता है और उसका राजनीतिक ज्ञान भी कमाल का ही रहता है (Vindhya Range)। गांव में ठंड के सीजन में अलाव जलता है वहां बैठे लोग प्रदेश की राजनीति तय कर देते हैं वो यहां तक बता देते हैं कि इस बार प्रदेश का मुखिया कौन होगा। अब बात करते हैं विंध्य में कौन किस पर भारी पड़ सकता है (Vindhya Politics)। रीवा की त्योंथर विधानसभा सीट में बसपा अथवा भाजपा का वर्चश्व रहता है जब भी कांग्रेस और भाजपा ने त्योंथर से ब्राम्हण को चुनाव मैदान में उतारा है तब हमेशा बसपा ने जीत दर्ज की है। पिछले दो चुनाव से बीजेपी ही जीत दर्ज कर रही है क्योंकि कांग्रेस रमाशंकर पटेल (कुर्मी) को अपना उम्मीदवार बना रही है। और इस चुनाव में फिर कांग्रेस ने भाजपा को वाकओवर देते हुए दो बार हार चुके रमाशंकर पटेल (Rama Shankar Patel) को तीसरी बार चुनाव मैदान में उतार दिया है। देवतालाव की बात करें तो कुर्मी बाहुल सीट है यहां से गिरीश गौतम (Girish Gautam) तीन बार से विधायक हैं लेकिन बसपा यहां से मजबूत रहती है यहां भी अगर भाजपा के बाद कांग्रेस ब्राम्हण को चुनाव मैदान में उतारती है बसपा का उम्मीदवार देवतालाव से जीत दर्ज करता है। मनगंवा आरक्षित सीट है पहले श्रीनिवास तिवारी फिर गिरीश गौतम और अब पंचूलाल प्रजापति (Panchulal Prajapati) वहां से विधायक हैं माना जा रहा है कि गिरीश गौतम ने पंचूलाल प्रजापति को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी ली है इसलिए उन्हे भाजपा एक बार फिर टिकट दे सकती है। मऊगंज आम तौर पर कांग्रेस अथवा बसपा की पारंपरिक सीट मानी जाती है यहां का मतदाता हमेशा चौकाने वाले फैसले करता है। कभी लक्ष्मण तिवारी (Laxman Tiwari) जैसे नेता लोकजन शक्ति पार्टी से चुनाव जीत जाते हैं तो कभी सुखेन्द्र सिंह बन्ना (Sukhendra Singh Banna) कांग्रेस से चुनाव जीत जाते हैं पिछली बार भाजपा उम्मीदवार प्रदीप पटेल (Pradeep Patel) ने मऊगंज से जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में उनका भारी विरोध है,और माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता सुखेन्द्र सिंह बन्ना का दावा ज्यादा मजबूत है। गुढ़ की बात करें तो यहां से भाजपा उम्मीदवार नागेन्द्र सिंह (Nagendra Singh) जीतते रहे हैं और इस चुनाव में उन्होने फिर दावा ठोंक रखा है कांग्रेस की तरफ से कपिध्वज सिंह (Kapidhwaj Singh) का टिकट फायनल हो चुका है,दोनों तरफ से ठाकुर नेता होने के कारण यहां के राजनीतिक समीकरण भी बदल सकते हैं। सिरमौर से बीजेपी की तरफ से दिब्यराज सिंह (Divyaraj Singh) हैं जो दो बार के विधायक हैं,यहां से तीन ब्राम्हण चुनाव मैदान में हैं इसलिए माना जा रहा है कि दिब्यराज एकबार फिर फतह हासिल करने में कामयाब हो सकते हैं।
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