11 साल बाद होंगे सहकारी संस्थाओं के चुनाव,भाजपा ब्लाक स्तर के कार्यकर्ताओं को अर्जेस्ट करने में जुटी

मध्य प्रदेश में पिछले 11 साल से सहकारी संस्थाओं के चुनाव नहीं हुए थे जिसके कारण सहकारी संस्थाएं प्रशासकों के द्वारा संचालित हो रही थी लेकिन अब हाईकोर्ट के निर्देश पर सहकारी निर्वाचन प्रधिकारी ने चुनाव का कार्यक्रम जारी कर दिया है| जिस प्रकार से कार्यक्रम जारी किया गया है उसके मुताबिक 26 जून से नौ सितंबर तक चुनाव की प्रक्रिया चलेगी| सदस्यता सूची जारी करने के बाद आठ,11,28 अगस्त और चार सितंबर को मतदान होगा| मतदान के तुरंत बाद ही मतगणना आयोजित की जाएगी| सबसे पहले प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों और विभिन्न संस्थाओं में भेजे जाने वाले प्रतिनिधियों के चुनाव होंगे| इसके आधार पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक और अपेक्स बैंक के संचालक मंडल का चुनाव होगा| अभी सभी संस्थाओं में प्रशासक नियुक्त हैं, जो प्रत्येक पांच वर्ष में चुनाव कराने के प्राविधान के विरुद्ध है| प्रदेश में चार हजार 543 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां हैं| इनके चुनाव साल 2013 में हुए थे| इनके संचालक मंडल का कार्यकाल साल 2018 तक था| इनके चुनाव के तत्काल बाद विधानसभा चुनाव को देखते हुए तत्कालीन शिवराज सरकार ने चुनाव को टाल दिया था| बाद में जब कमलनाथ सरकार आई तो किसान कर्ज माफी योजना और लोकसभा चुनाव के कारण इसे आगे बढ़ाया और जिला बैंकों में प्रशासक नियुक्त कर दिए| तबसे अब तक ये चुनाव लगातार टलते आ रहे हैं| इस बीच मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया| हाईकोर्ट ने चुनाव कराने के निर्देश दिए जिस पर सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने कार्यक्रम जारी कर दिया लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण ये फिर टल गए| अब नया कार्यक्रम जारी कर दिया गया है| चुनाव के लिए पहले सदस्यता सूची तैयार होगी| इसमें वो किसान,जिन्होने समय पर अपना कर्ज नहीं चुकाया और जिफाल्टर की श्रेणी में हैं,भाग नहीं ले पाएंगे| सदस्य मतदान के माध्यम से संचालक चुनेंगे| इनमें से अध्यक्ष,उपाध्यक्ष का चुनाव होगा| साथ ही जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के लिए प्रतिनिधि भी चुने जाएंगे| इनमे से संचालक मंडल का चुनाव होगा,जिसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनेंगे| इन्ही मेसे अपेक्स बैंक के लिए प्रतिनिधि भेजे जाएंगे,जिनसे संचालक मंडल बनेगा|
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