समयमान वेतनमान को लेकर कर्मचारी हो रहे लामबंद,आदेश जारी पर असमंजस की स्थिति बरकरार
समयमान वेतनमान को लेकर शासकीय विभागों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है| दरअसल प्रदेश के कर्मचारियों को 35 वर्ष की सेवा पूरी करने पर चौथा समयमान वेतनमान दिया जाना है| इसके लिए सामान्य प्रशासन और वित्त विभाग सभी विभागों को आदेश जारी कर चुका है| इसके बाद भी विभागों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है| मंत्रालय के अधिकारी-कर्मचारियों को अब तक चौथा समयमान वेतनमान नहीं दिया गया है| इसके पीछे पहले अधिक वेतन देने का तर्क दिया गया था| जबकि,मंत्रालय और अन्य कार्यालयों के कर्मचारियों के वेतन में अंतर प्रारंभ से रहा है| अब एक बार फिर मंत्रालय कर्मचारियों ने चौथा समयमान वेतनमान देने की मांग की है| दूसरी तरफ स्कूल शिक्षा विभाग ने भी प्रस्ताव भेजा है,जिसका परीक्षण वित्त विभाग के माध्यम से किया जा रहा है| प्रदेश के जिन कर्मचारियों को पद नहीं होने आ अन्य कारण से पात्र होने के बाद भी पदोन्नति नहीं मिल पाती है,उन्हे क्रमोन्नति के माध्यम से उच्चतर वेतनमान दिया जाता है| इस योजना के स्थान पर समयमान वेतनमान की व्यवस्था लागू की गई है| न्यायालय के आदेश पर पशुपालन एंव डेयरी विभाग के सहायक पशु चिकित्सक क्षेत्र अधिकारियों को चौथे समयमान वेतनमान देने का निर्णय लिया गया है| स्कूल शिक्षा विभाग ने भी शिक्षकों के लिए प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग अभिमत के लिए भेजा,जिसे अब वित्त विभाग भेजा गया है| उधार मंत्रालय के अधिकारियों कर्मचारियों ने भी सामान्य प्रशासन विभाग से चौथा समयमान वेतनमान देने की मांग की है|
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