चार फीसदी मंहगाई भत्ते के लिए लामबंद हो रहे शासकीय कर्मचारी,मोहन सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी,आठ महीने से मंहगाई भत्ते पर नहीं हुआ फैसला

प्रदेश सरकार की तरफ से पिछले आठ महीने से शासकीय कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता रुका हुआ है| जबकि केन्द्रीय कर्मचारियों को 50 फीसदी मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है और राज्य के कर्मचारियों को 46 फीसदी ही मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है| अब प्रदेश के तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार से मंहगाई भत्ता देने की एक बार फिर मांग की है| कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि सभी वर्गों के वेतन भत्ते में बढ़ोत्तरी हो रही है| प्रदेश की लाड़ली बहनों को हर महीने मिलने वाले 1250 के अतिरिक्त 250 रुपये रक्षाबंधन का उपहार दिया है| नगर निगम,नगर पालिका सभी में जन प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोत्तरी की जा रही है| सब्जी,खाद्य पदार्थ,तेलों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं लेकिन राज्य सरकार कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते पर किसी प्रकार का विचार नहीं कर रही है| राज्य सरकार को लगातार सूचित करने के बाद भी सरकार शासकीय कर्मचारियों की मांग को पूरा नहीं कर रही है| जबकि इसी राज्य में आईएएस रैंक के अधिकारियों को केद्र के समान मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है| इसी लिए तृतीय वर्ग के कर्मचारियों में दिनों दिन विरोध के स्वर मजबूत होते चले जा रहे हैं| कर्मचारी संगठनों का यह भी आरोप है कि जब चुनाव आते हैं तब सरकार की तरफ से बड़े-बड़े वादे कर दिए जाते हैं| ऐसे वादे होते हैं जैसे प्रदेश में अगली सरकार राम राज लेकर आएगी लेकिन सरकार बनते ही शासकीय कर्मचारी राज्य सरकार के लिए सिर्फ नौकर बन कर रह जाते हैं जिनसे जब जो चाहा वो करवा लिया क्योंकि अगले पांच साल तक उन शासकीय कर्मचारियों के हाथ में कुछ नहीं रहता अगर विरोध करेंगे तो सरकार उन पर नौकरी से निकालने का अलग से दबाव बनाने लगती है|
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